बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर नई दिल्ली में स्क्रीन लाइव के चौथे एडिशन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने अपने करियर, फिल्मों और सिनेमा हालातों और अपने बच्चों के बारे में ढेर सारी बातें की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में जो दिक्कतों का सामना किया, उसके बारे में भी बताया। शर्मिला टैगोर ने कहा कि उन्हें बैड गर्ल का टैग दिया गया था।
शर्मिला टैगोर कहा, “जब मैं फिल्मों से जुड़ा तो फिल्मों में काम करना मेरे लिए बहुत निराशाजनक था। इसलिए फिल्म इंडस्ट्री ने भी अपने कदम पीछे हटा लिए। उनका अपना एक छोटा सा क्लब था, वो भी सोसायटी से दूर रहते थे, क्योंकि उस वक्त बहुत जजमेंट हुआ करता था। मेल एक्टर्स को अपनाया जाता था, लेकिन औरतों की कोई इज्जत नहीं होती थी।
शर्मिला टैगोर ने आगे कहा, “यहां तक कि एक बार तो मुझे भी लगा कि मुझ पर सीटी बजाई जाएगी या मुझे उस तरह की प्रशंसा मिलेगी। जब आपकी शादी होती है तो एक अलग तरह का सम्मान होता है। और जब आप मां बन जाती हैं… मुझे याद है कि मैं हैदराबाद जा रही थी और मुझे लेने के लिए एक कार आनी थी। कुछ ही मिनटों में भीड़ जमा हो गई और लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या मेरे बेटे की देखभाल की जरूरत है, वे मुझे दूसरे कमरे में ले गए, मेरे लिए एक कुर्सी लाए… यह पूरी तरह से एक अलग तरह का स्वागत था।”
याद किया पुराना किस्सा
उन्होंने कहा कि सोसायटी समय के साथ काफी बदली है। एक्ट्रेस न कहा कि एक बार उन पर कीचड़ फेंकी गई थी। जिस ट्रेन से वह यात्रा कर रही थीं, उसे आग लगाने की धमकी भी दी थी, लेकिन आखिरकार चीजें बदल गईं।
एक्ट्रेस ने कहा, “मैं एक अलग तरह के परिवार से आयी थी। मैं जीएन टैगोर की बेटी थी। मैं जानती थी कि मैं कौन हूं और मुझमें आत्मविश्वास था। मुझे वास्तव में इसकी ज़्यादा परवाह नहीं थी कि दूसरे मेरे बारे में क्या कहते हैं। मैं तब भी बिल्कुल वैसी ही थी जैसा अब हूं… लेकिन क्योंकि मैं एक होटल में अकेली रही थी, इसलिए मुझे लेकर लोगों के विचार अलग थे। मैं एक सोशल सस्पेक्ट बन गई थी। बाकी लोग महाराष्ट्र से थे, उन्होंने सफेद कपड़े पहने थे, उन्होंने शराब नहीं पी थी। मैं अलग थी, इसलिए मैं ‘बुरी लड़की’ थी।”