महाराष्ट्र में सिनेमाघर खुलने शुरू हो गए हैं। दो सिनेमाघरों में सलमान खान की ‘राधे’ का प्रदर्शन भी हो चुका है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद और मालेगांव के एक-एक सिनेमाघरों में 11 जून को ‘राधे’ रिलीज की गई। मालेगांव का ‘एंजॉय’ ड्राइव इन सिनेमाघर है, जिसमें लोगों ने कार में बैठ कर फिल्म देखी। साढेÞ सात बजे के शो में 22 दर्शक अपनी कारों में बैठे थे जबकि 40 दर्शकों ने कुर्सियों पर बैठकर फिल्म देखी। फिल्म का अगला शो साढ़े नौ बजे शुरू होने वाला था मगर दर्शक ही नहीं आए फिल्म देखने। लिहाजा साढ़े नौ बजे का शो रद्द करना पड़ा।
औरंगाबाद के खिनवासरा सिनेमाघर में ‘राधे’ की चार शो में 22 टिकटें बिकीं। सिनेमाघर के मैनेजर सुरश कोटेचा का कहना है कि ऐसी स्थिति के बावजूद वह सिनेमाघर में तब तक ‘राधे’ का प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक कि कोई नई फिल्म रिलीज नहीं हो जाती। सिनेमाघर खुला रहने से जीवंतता का एहसास होता है। इससे पहले ‘राधे’ त्रिपुरा के तीन सिनेमाघरों में रिलीज की गई थी, जिनमें दो अगरतला में और एक धामनगर में था। फिल्म ने हफ्ते भर में 60 हजार रुपए का एकत्रण किया था।
इन दो घटनाओं से दो बातें साफ हैं। अभी लोगों की प्राथमिकता सिनेमा देखना नहीं है। दूसरी बात, बॉलीवुड में जिन सितारों की लोकप्रियता को ‘अखिल भारतीय’ कहा जाता रहा है, वैसा कुछ नहीं है। सलमान खान को तो सिनेमाघर मालिकों ने इतना बड़ा बनाने की कोशिश की थी, जिसके आगे पूरा फिल्मोद्योग छोटा पड़ता दिखाई दिया था।
महाराष्ट्र में जब सिनेमाघर 50 फीसद क्षमता के साथ खुलने जा रहे थे, तब सिनेमाघर मालिकों ने मिलकर ‘राधे’ के हीरो सलमान खान से गुजारिश की थी कि वे अपनी फिल्म ओटीटी के बजाय सिनेमाघरों में रिलीज करें, ताकि सिनेमाघरों का धंधा चलता रहे। ऐसा इसलिए किया गया था कि सिनेमा मालिकों को उम्मीद थी कि सलमान खान के नाम में वह कमाल है कि दर्शक सिनेमाघरों की ओर खिंचे चले आएंगे। अब सिनेमाघर में ‘राधे’ चल रही है, मगर दर्शक नदारद हैं। सलमान खान जैसे चोटी के अभिनेता भी सिनेमाघर मालिकों का धंधा नहीं चलवा पा रहे हैं। इससे स्थिति समझी जा सकती है।
कोरोना महामारी में लागू पूर्णबंदी के बाद से देश के नौ हजार से ज्यादा सिनेमाघर बंद थे जिससे और क्षेत्रों की तरह फिल्म प्रदर्शन क्षेत्र को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा। सिनेमाघर मालिक जानते हैं कि कोई एक कलाकार या फिल्म उनके नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती। हां, सरकार चाहे तो उनको राहत दे सकती है। इसलिए मल्टीप्लेक्स और एकल पर्दे के सिनेमाघर मालिक किसी फिल्म स्टार के बजाय 10 जून को महाराष्ट्र के पालक मंत्री असलम शेख से मिले। उन्होंने गुजारिश की किगुजरात की तरह उन्हें भी टैक्स छूट का फायदा दिया जाए। गुजरात सरकार ने संपत्ति कर और बिजली बिलों के ‘फिक्स्ड रेट’ में एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक छूट दी है। अगर महाराष्ट्र सरकार भी ऐसा करती है तो सिनेमा मालिकों को राहत मिलेगी।