Mohalla Assi Movie Review and Rating: कहा जाता है कि बनारस में जो सुकून है वह पेरिस और फ्रांस में भी नहीं। धर्म और आस्था के नाम पर धोखा देने वालों को करारा जवाब देती है मोहल्ला अस्सी। फिल्म में सनी देओल ने एक संस्कृत के टीचर का रोल अदा किया है। इसके अलावा वह घाट पर तीर्थ यात्रियों के लिए भी काम करते हैं। सनी के किरदार का नाम है धर्मनाथ पांडे। धर्मनाथ अपने सिद्धांतों और नियमों को लेकर काफी सख्त है। धर्मनाथ ने अपने घर को मोहल्ले के वैश्वीकरण के बाजारवाद से दूर रखा है।
बनारस में कई विदेशी घूमते के लिए भी आते हैं। लेकिन ब्राह्मणों के इस मोहल्ले में गोरों का रहना मना है। धर्मनाथ का मानना है कि विदेशियों ने अस्सी घाट को बाजार बना कर रख दिया है। गाइड बने रविकिशन (गिन्नी) एक डायलॉग में कहते हैं कि गंगा हमारे लिए नदी नहीं है, मैया है और मैं गंगा को विदेशियों का स्विमिंग पूल नहीं बनने दूंगा। फिर आता है कहानी में मोड़, धर्मनाथ को एक दिन अपने सिद्धांतों से समझौता करना पड़ता है। दरअसल ब्राह्मण अपने इस मोहल्लो को भोले बाबा का घर मानते हैं। तो वहीं मोहल्ले में पप्पू की चाय की दुकान पर राजनीतिक चर्चा भी होती है। एक का एक डायलॉग काफी प्रभावित कर देने है जो है- ‘हिंदुस्तान में संसद दो जगह चलती है एक दिल्ली में और दूसरी मोहल्ला अस्सी के चाय की दुकान पर।’
यदि आप जानना चाहते हैं कि आखिर धर्मनाथ ने क्यों अपने सिद्धांतों के साथ समझौता किया? घाट और मंदिर को लेकर क्यों राजनीतिक विवाद सामने आया। सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा। ‘मोहल्ला अस्सी’ में साक्षी तंवर, रवि किशन, फैजल रशीद ने अपने करिदारों के साथ न्याय किया है। सनी देओल ने भी शानदार अभिनय किया है। फिल्म के दूसरे हॉफ में सनी देओल के भाव काफी रियल लगते हैं। फिल्म में अमोद भट्ट ने संगीत दिया है। यह फिल्म काशीनाथ सिंह के उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर आधारित है। फिल्म को 2.5 स्टार्स दिए गए हैं।
