मोदी कैबिनेट के विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हैं और प्रबल संभावना है कि इसी हफ्ते मंत्रीमंडल में फेरबदल हो सकता है। मोदी मंत्रीमंडल के विस्तार में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह मिल सकती है वहीं असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को भी मंत्री बनाए जाने की ख़बरें हैं। इसी मंत्रीमंडल विस्तार पर आज तक के शो ‘दंगल’ में शामिल कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक ने कह दिया कि सरकार डेढ़ लोग ही चला रहे हैं एक नरेंद्र मोदी और आधे अमित शाह।

दरअसल शो की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने उनसे सवाल किया था, ‘नए तेवर और नए कलेवर के साथ बीजेपी अब सामने आने जा रही है, पूरी तैयारी चल रही है। नए युवा चेहरे को जगह दी जा रही है, उसमें आपके पुराने सिपहसालार ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं। लेकिन इन सबसे इतर उत्तर प्रदेश पर बड़ी नजर है बीजेपी की। कैसे देख रही हैं आप?’

जवाब में रागिनी नायक ने कहा, ‘चित्रा जी, जब नीति और नीयत में ही खोट हो तो सिपहसालार बेचारे क्या करेंगे। विफलताओं का ठीकरा फोड़ने के लिए कुछ और नए सिर जोड़ना चाहते हैं। बहरहाल, ये उनका अंदरूनी मामला है। पर मैं कुछ सवाल करना चाहती हूं। चरमराती हुई अर्थव्यवस्था, आसमान छूती महंगाई, अपमानित होती महिलाएं, बेरोजगारी से लाचार नौजवान, प्रताड़ित होते किसान, सरहद पर खड़े सैनिक और तीसरी लहर की तैयारी। ये कुछ ज्वलंत मुद्दे हैं जो देश के सामने मुंह बाए खड़ी है।’

 

 

उन्होंने आगे कहा, ‘इसके बावजूद आज और इसके अगले कुछ दिन तक चर्चा का विषय होगा मोदी मंत्रीमंडल विस्तार। मैं इसे निरर्थक और बेमानी बहस समझती हूं क्योंकि मुखौटे चाहे कितने भी बदल लें, असलियत नहीं छिपती। ये सरकार तो डेढ़ लोग चला रहे हैं, एक मोदी जी आधे अमित शाह। इस म्यूजिकल चेयर पर घुमा लीजिए, जिसको घुमाना है।’

 

उन्होंने कहा कि बीजेपी असम सरकार को बचाना चाहती है इसलिए सर्बानंद सोनोवाल को दिल्ली ला रही है। वो बोलीं, ‘आप सोशल वेलफेयर मिनिस्टर को कर्नाटक का गवर्नर बनाकर भेज दीजिए, असम में सरकार न गिर जाए, ये आकलन लगाते हुए सोनोवाल जी को दिल्ली ले आइए। लेकिन आखिर में जो एक कुर्सी और आधा स्टूल रखा है उस पर मोदी जी और अमित शाह जी को जी बैठना है इसलिए प्राथमिकताओं का सवाल उनसे पूछा जाएगा।’

 

रागिनी नायक ने कहा कि सरकार के पास किसानों से बात करने का, तीसरी लहर के लिए योजना बनाने का वक्त नहीं है लेकिन दल बदल कर आए और घटक दलों की राजनीतिक लोलुपता को शांत करने के लिए मंत्रीमंडल विस्तार का वक्त है। उनकी बात पर चित्रा त्रिपाठी ने कहा, ‘चलिए ठीक है, बैलेंस ऑफ़ पावर की आप बात कर रही हैं।’