1982 में ‘डिस्को डांसर’ की रिलीज के बाद मिथुन चक्रवर्ती स्टारडम की बुलंदियों पर पहुंच गए थे, लेकिन पूरे दशक में फिल्मों क्वालिटी में गिरावट रही और फिल्मों की अर्थव्यवस्था कुछ समय के लिए लड़खड़ा गई। मिथुन ने इस दौर में भी काम करना नहीं छोड़ा और इस दौरान मुख्य भूमिका निभाते रहे। दरअसल, उन्होंने इतनी सारी फिल्मों में काम किया कि वो एक साथ सबसे ज्यादा फिल्में रिलीज करने वाले एक्टर बन गए और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।

आरवीसीजे मूवीज के साथ हाल ही में बातचीत में, मिथुन के बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने बताया कि उनके पिता ने बतौर मुख्य नायक 249 फिल्में की हैं और 1989 में उनकी 19 फिल्में रिलीज हुईं थी। ये पूछे जाने पर कि मिथुन ये सब कैसे कर पाए, नमाशी ने बताया कि उस दौर में फिल्में अक्सर स्वतंत्र निर्माताओं के सहयोग से बनाई जाती थीं और फिल्म बनाना बहुत आसान था।

उन्होंने कहा, “वो दौर था जब सितारों के पास ज्यादा समय नहीं होता था। आज के सितारों के पास बहुत समय है। आज, फिल्में स्वतंत्र निर्माता नहीं बनाते। उस जमाने में, कोई भी किसी सितारे से संपर्क करके फिल्म बना सकता था। आज, सब कुछ कॉर्पोरेट्स करता है और वे एक एजेंसी का हिस्सा हैं। उस जमाने में, सितारों को अपनी मर्जी से कुछ भी करने की आजादी थी।”

नमाशी ने याद किया कि उनके पिता को अन्य सितारों के साथ 1993 में CINTAA (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन) से एक नोटिस मिला था, जिसमें उन्हें 40 से अधिक फिल्मों में काम नहीं करने के लिए कहा गया था और उस समय, मिथुन 41 फिल्मों में काम कर रहे थे। “1993 में, मुझे याद है, मेरे पिता, गोविंदा और राहुल रॉय को CINTAA से एक पत्र मिला था जिसमें कहा गया था कि वे 40 फिल्मों से अधिक नहीं कर सकते हैं, और मेरे पिता की 41 फिल्में फ्लोर पर थीं, जिनमें से 35 में, वह हीरो थे,” गोविंदा 1990 के दशक में सबसे बड़े सितारों में से एक थे और राहुल रॉय अपनी 1990 की फिल्म आशिकी की सफलता के बाद ब्लॉक के नए स्टार थे।

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नमाशी ने बताया कि उन दिनों उनके पिता के पास ज्यादा समय नहीं होता था क्योंकि वो लगातार शूटिंग में व्यस्त रहते थे। उन्होंने बताया कि 10 साल की उम्र तक वो अपने पिता को ज्यादा जान भी नहीं पाए थे क्योंकि उनके पिता शायद ही कभी घर पर होते थे। उन्होंने कहा, “मैं इन आंकड़ों से हैरान नहीं हूं क्योंकि बचपन में मुझे अपने पिता के साथ ज्यादा समय नहीं मिला। और मैं अपने पिताजी को 10 साल की उम्र में जान पाया क्योंकि वो सुबह शूटिंग के लिए निकल जाते थे। जब तक वो वापस आते, मैं सो जाता, इसलिए मुझे पता ही नहीं चलता था कि वो कौन हैं। मैंने उन्हें दशकों तक कड़ी मेहनत करते देखा है और वो अब भी मेहनत कर रहे हैं।”

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आपको बता दें कि मिथुन हाल ही में आई विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ में नजर आए थे। उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करें तो मिथुन को 2024 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।