Mirzapur Web Series Review: ‘हम से व्यापार है, हम व्यापार से नहीं’। पंकज त्रिपाठी द्वारा बोला गया यह डायलॉग बताता है कि ‘मिर्जापुर’ राजनीति, ड्रामा-थ्रिलर वेब सीरीज है। ‘मिर्जापुर’ अमेजन प्राइम की तीसरी ऑरिजिनल वेब सीरीज है जो कि भारत में ही बनी है। इससे पहले अमेजन प्राइम ‘इंसाइड ऐज’ और ‘ब्रीद’ बना चुका है। इस सीरीज में सभी किरदार अपने रोल में खासा फिट हैं हालांकि फिल्म में बंदूकों का रोल सबसे ज्यादा देखा गया है। कंटरी मेड गन्स, एके47, पिस्टल, अनलाइसेंस्ड, ऑफिशियल और कंटरी मेड सभी तरह की बंदूकों का इस्तेमाल इस सीरिज में देखने को मिला है। ‘मिर्जापुर’ का प्लॉट उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्व में स्थित मिर्जापुर का है जहां कालीन का व्यापार बड़े स्तर पर किया जाता है। सीरीज में भी इस व्यापार को दर्शाया गया है और इसे चलाने के लिए बंदूक, राजनीति और पुलिस के गठजोड़ को दिखाया है।

सीरीज के मुताबिक, मिर्जापुर में कालीन भईया(पंकज त्रिपाठी) का राज चलता है जो कि कालीन के व्यापार की आड़ में ड्रग्स और गन्स की तस्करी करता है। उससे पूछा बिना शहर में पत्ता भी नहीं हिलता। जैसा कि फिल्म में गुड्डु पंडित का एक डायलॉग है, “कालीन भईया का शहर, कालीन भईया का चौक, मिर्जापुर में भौकाल हो तो ऐसा हो”।

वही कालीन भईया के बेटे मुन्ना भईया(दिवयेंदु शर्मा) को अपनी जिम्मदारियां कभी समझ नहीं आती हैं और उनके फैलाए रायते को हमेशा उनके पिता को साफ करना पड़ता है। यही सीरिज में ट्विस्ट के साथ एंटरी होती है गुड्डु(अली फजल) पंडित और बबलू(विक्रांत मेस्सी)। गुड्डु और बबलू ईमानदार वकील के बेटे हैं। गुड्डु मिस्टर पूर्वांचल बनना चाहता है और बबलू आईएएस ऑफिसर। हालांकि कालीन भईया उन्हें अपनी गैंग में शामिल करना चाहते हैं। हालांकि यह बात मुन्ना भाई को पसंद नहीं आती और यहां से शुरु
होता है पॉवर के लिए युद्ध।

इस सीरीज को 9 पार्ट्स में डिवाइड किया गया है। सीरीज की कास्ट इसे देखने के लिए आपको एक बार तैयार कर भी लें लेकिन इसका प्लॉट भी कई जगह ऊबाउ है। सीरिज में बहुत सी चीजों को एक साथ लाने की कोशिश में इसकी कहानी की दिलचस्पी को दाव पर लगा दिया गया है। कहानी में दिखाई गए हिंसात्मक सीन आपको डराने के बजाय बोर करते हैं। सीरिज के निर्माताओं ने वर्तमान समय के राजनीतिक-सामाजिक दृश्य को दिखाने की कोशिश की है हालांकि इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली।

वेब सीरीज- मिर्जापुर
निर्देशन- करन अंशुमन, पुनीत कृष्णा
निर्माता- फरहान अख्तर, रितेश सिदवानी
कास्ट- पंकज त्रिपाठी, अली फजल, दिव्येंदु शर्मा, स्वेता त्रिपाठी, विक्रांत मैसी, श्रेया पिलगांवकर, कुलभूषण खरबंदा

कास्ट की बात करें तो सीरीज में बबलू और गुड्डे के किरदार के साथ विक्रांत और अली फजल ने न्याय किया है और दोनों की एक्टिंग को अच्छा कहा जा सकता है। वही पंकज त्रिपाठी ने हमेशा की तरह अपने रोल को शानदार तरीके से निभाया है। मिर्जापुर की कहानी ऐसी है जिसे दर्शक पहले कई बार देख चुके हैं। इसलिए अगर आप कुछ नया देखने की चाह में हैं तो यह सीरिज आपको निराश करेगी।