फिल्म- मेरे हसबैंड की बीवी
स्टार कास्ट- अर्जुन कपूर, रकुल प्रीत सिंह, भूमि पेडनेकर, शक्ति कपूर, डीनो मोरिया और अन्य
राइटर- मुदस्सर अजीज
डायरेक्टर- मुदस्सर अजीज
समय अवधि- 2 घंटे 30 मिनट
रेटिंग- 3.5/5

बॉलीवुड में रिश्तों को लेकर बहुत सी फिल्में बनती रही हैं। इसमें कुछ सफल तो कुछ असफल रही हैं। वर्क लाइफ के साथ लव लाइफ को बैलेंस कर पाना आज के समय में बहुत ही कम लोगों के बस की बात होती है। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस ना बन पाने की वजह से कब आपकी निजी जिंदगी बिखर जाती है और अपने पीछे छूट जाते हैं पता ही नहीं चलता है। कई बार अपनी जिंदगी इस कदर टूट जाती है कि लव लाइफ में पार्टनर को समझने का मौका ही नहीं मिल पाता है। कुछ ऐसा है कि अर्जुन कपूर की फिल्म ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ में देखने के लिए मिलता है। लेकिन, इसकी कहानी में थोड़ा ट्विस्ट है, जिसमें आपको कॉमेडी, ड्रामा और इमोशन सब कुछ भरपूर मिलने वाला है। ऐसे में अगर आपने इस फिल्म को देखने का मन बनाया तो पहले जान लीजिए इसके बारे में…

शुरुआत करते हैं फिल्म ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ की कहानी से। इसकी कहानी दिल्ली में रहने वाले अंकुर चड्ढा (अर्जुन कपूर), प्रभलीन ढिल्लों (भूमि पेडनेकर) और अंतरा खन्ना (अंतरा खन्ना) की। अंकुर और प्रभलीन तलाकशुदा होते हैं। इस रिश्ते की टूटने के वजह से अंकुर अंदर से टूटे होते हैं। उनकी जिंदगी में कुछ ठीक चल नहीं रहा होता है। इसी दौरान दोस्त रेहान (हर्ष गुर्जर) अंकुर की जिंदगी को खुशहाल बनाने की हर संभव कोशिश करता है और फिर मुलाकात होती है अंतरा खन्ना यानी कि रकुल प्रीत से। अब कहानी शुरू होती है यहां से। प्यार का सिलसिला आगे बढ़ता है तो बात शादी तक आती है। अब अंकुर की जिंदगी में इतनी पनौती होती है कि उनके लिए ये शादी भी आसान नहीं होती है। इसके लिए बड़ी पापड़ बेलनी पड़ती है। इस बीच एक हादसा होता है और अंकुर की जिंदगी की गाड़ी वापस उसी पटरी पर लौट आती है, जिससे वो बाहर आना चाहता है। फिल्म में रकुल और भूमि के बीच जबरदस्त टकराव देखने के लिए मिलता है। कई ट्विस्ट हैं, जो फिल्म में अलग ही रोमांच पैदा करते हैं। खींचतान के इर्द-गिर्द इस फिल्म का क्लाइमैक्स तो और भी कमाल का होता है। इसे देखने के लिए और अपनी कंफ्यूजन को समझने के लिए आपको पिल्म का रुख करना होगा।

अर्जुन कपूर-भूमि पेडनेकर के साथ रकुल प्रीत की एक्टिंग

इसके साथ ही अब बात की जाए फिल्म में स्टार कास्ट और उनकी एक्टिंग की। अर्जुन कपूर और भूमि पेडनेकर ने अपने किरदार के साथ ईमानदारी दिखाई है। दोनों ही स्टार्स ने जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है। लेकिन, एक्टर में जो कमी दिखी वो डायलॉग की रही। उन्हें जो पंच लाइन दी गई है वो जरा फीकी सी लगती है। उनसे और भी बेहतर काम करवाया जा सकता था। उनके डायलॉग भी कुछ खास नहीं मगर अर्जुन ने अपनी एक्टिंग में कोई कमी नहीं छोड़ी है। वहीं, रकुल प्रीत के कैरेक्टर का नाम अंतरा खन्ना होता है। जब सोचिए नाम में ही अमीरी झलक रही है तो काम भी वैसा ही होगा। अर्जुन और रकुल प्रीत की केमिस्ट्री कमाल की लगी है। फिल्म में हर्ष गुर्जर अर्जुन कपूर के साथ खास नहीं जमते हैं। फिल्म में हर्ष को इंट्रोड्यूस किया गया है। वहीं, अन्य कलाकारों में शक्ति कपूर, टीकू तलसानिया भी हैं। डीनो मोरिया, रकुल के भाई बने हैं, जिनकी डैशिंग पर्सनैलिटी देखने के लिए मिलती है लेकिन, रिश्तों के बीच उलझी इस फिल्म में उनके पास करने के लिए कुछ नहीं होता है।

कैसा है डायरेक्शन?

फिल्म ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ की कहानी और स्टार्स की एक्टिंग के बात डायरेक्शन की बात करें तो इसे मुदस्सर अजीज ने निर्देशित किया है। उन्होंने इसकी कहानी को रोचक बनाने की कोशिश की है। वो इसके पहले ‘पति पत्नी और वो’, ‘हैप्पी भाग जाएगी’ और ‘खेल खेल’ जैसी फिल्में दे चुके हैं। फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी स्लो और ऊबाऊ लगता है। मगर बीच-बीच में कॉमेडी और ड्रामा आपको कहानी से जोड़े रहता है। कमजोर स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले और प्रभावहीन डायलॉग्स की वजह से फिल्म बिखरी हुई सी लगती है। हालांकि, इसका सेकंड हाफ तारीफ के काबिल है। भूमि और रकुल के बीच का टकराव इसे खास बना देता है, जिसकी वजह से फिल्म की कहानी को थोड़ी गति मिलती है। कुल मिलाकर कहें तो मुदस्सर अजीज ने फिल्म को निखारना चाहा लेकिन, निखार पाए नहीं। क्योंकि स्क्रीनप्ले और स्क्रिप्ट स्लो तो थी ही साथ ही डायलॉग्स भी मजबूत नहीं थे और ना ही कॉमेडी में इतना दम।

फिल्म का म्यूजिक

वहीं, अगर ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ के म्यूजिक और संगीत की बात करें तो इसमें ‘गोरी हैं कलाइयां’, ‘इक वारी’, ‘इश्क की हवा सीधे दिल पे आ गली’ और ‘निभानी तेरे नाल वे’ अच्छे लगते हैं। फिल्म के सारे गाने सुनने लायक हैं। लेकिन, ये यादगार नहीं। इसके साथ ही बैकग्राउंड म्यूजिक ठीक-ठाक है।

फाइनल वर्डिक्ट

इसके साथ ही अगर फिल्म ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ को देखने और ना देखने की बात करें तो अगर आप रोमांटिक, कॉमेडी-ड्रामा मूवी के शौकीन हैं तो देख सकते हैं। अर्जुन कपूर, रकुल प्रीत और भूमि पेडनेकर के फैन हैं तो भी एक बार देख सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप फ्रैश पेयर पसंद करते हैं ये आपको पसंद आ सकती है। लेकिन, अगर आपने ‘छावा’ देखी है और उस जैसी कहानी एक्टिंग की तलाश में हैं तो ये फिल्म आपकी उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाएगी। आखिरी में कहेंगे कि फिल्म वन टाइम वॉच है। इसे एक बार फैमिली के साथ देखा जा सकता है।