Anurag Kashyap brahmin Controversy: फिल्ममेकर अनुराग कश्यप इन दिनों अपनी फिल्म ‘फुले’ और जातिवाद को लेकर ब्राह्मण समुदाय पर टिप्पणी करने की वजह से विवादों में हैं। ब्राह्मण समुदाय पर टिप्पणी करने के बाद वो लोगों के निशाने पर आ गए और सोशल मीडिया पर उनकी काफी आलोचना हो रही है। ये विवाद तब शुरू हुआ जब उनकी फिल्म ‘फुले’ पर सर्टिफिकेशन बोर्ड ने रोक लगा दी। इसके बाद उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए जातिवाद पर चर्चा छेड़ दी। इस बीच उन्होंने ब्राह्मणवाद पर तंज कसा और विवादित बयान दे दिया। इसी को लेकर अब राइटर मनोज मुंतशिर ने उन पर गुस्सा जाहिर किया है और अनुराग कश्यप को उनकी हद में रहने की नसीहत दे डाली।
अनुराग कश्यप के विवादित बयानों के बाद मनोज मुंतशिर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में अनुराग पर गुस्सा जाहिर करते हुए नजर आ रहे हैं। मनोज ने उनकी आलोचना की और तीखे शब्दों में कहा, ‘आमदनी कम हो तो खर्चों पर और जानकारी कम हो तो शब्दों पर कंट्रोल रखना चाहिए। अनुराग कश्यप तुम्हारी तो आमदनी भी कम है और जानकारी भी। इसलिए दोनों पर कंट्रोल करो। तुम्हारे शरीर में इतना पानी नहीं है कि ब्राह्मणों की इंच भर लेगेसी को दूषित कर दो। फिर भी तुमने ये इच्छा जाहिर कर ही दी है तो मैं कुछ तस्वीरें तुम्हारे घर भेजना चाहता हूं। तुम तय करो कि किस किस ब्राह्मण पर तुम्हें अपने शरीर का गंदा पानी फेंकना है।’
मनोज मुंतशिर ने गिनाए 21 नाम
इसके आगे मनोज मुंतशिर कुछ महान लोगों के नाम लेते हैं। वो कहते हैं, ‘आचार्य चाणक्य, चंद्रशेखर तिवारी आजाद, बाजीराव बल्लाड, भगवान परशुराम, रामकृष्ण परमहंस, रामधारी सिंह दिनकर, आदि शंकराचार्य, मंगल पांडे, अटल बिहारी वाजपेयी, तात्या टोपे, राजगुरु, परमवीर कैप्टन मनोज पांडे, बाल गंगाधर तिलक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, पंडित भीमसेन जोशी, संगीत सम्राट तानसेन, लता मंगेशकर, रानी लक्ष्मीबाई, महाकवि कालिदास, गोस्वामी तुलसीदास, तुम्हारे जैसे हजारों नफरती शुरू होकर खत्म हो जाएंगे, लेकिन ब्राह्मणों की गौरवशाली परंपरा खत्म नहीं होगी।’
मनोज मुंतशिर बोले- औकात में रहो
मनोज मुंतशिर ने आगे अनुराग कश्यप को ललकारते हुए कहा, ‘मैं खुद एक ब्राह्मण होने के नाते तुमको खुला चैलेंज देता हूं। इस वीडियो के नीचे कमेंट करके मेरे गिनवाए हुए 21 नामों में से कोई एक नाम चुनकर बता दो। तस्वीर भेजना मेरी जिम्मदारी है और अगर गुर्दे में दम नहीं है कि अपनी बोली हुई बातों पर अटल रह पाओ और एक नाम इस वीडियो के नीचे लिख पाओ तो भाई साहब एक बहुत बड़े आदमी ने कहा है कि रहने के लिए दुनिया में कई अच्छी जगहें हैं लेकिन सबसे अच्छा यही है कि औकात में रहो।’
तुम बीमार हो- मनोज मुंतशिर
ब्राह्मण भारतवर्ष का मस्तक है और इस मस्तक पर चमकते हुए भगवा तिलक पर सिर्फ ब्राह्मणों को ही नहीं चारों वरणों को अभिमान है। तुम्हारी घिनौनी सोच को बड़ा हृदय दिखाते हुए ब्राह्मण तो शायद क्षमा भी कर दे लेकिन हिंदू समाज तुम जैसे अपराधियों को सनातन द्रोहियों को देश को तोड़ने और एकता को खंडित करने वाले वामपंथियों को कभी क्षमा नहीं करेगा। तुम बीमार हो। ईश्वर तुमको ठीक करे। आरोग्य दान करे। जरूरत पड़ी तो 108 ब्राह्मण तुम्हारी बीमार बुद्धि के लिए हवन करेंगे और इलाज के लिए चंदा चाहिए तो हम ब्राह्मण दान लेना भी जानते हैं और दान देना भी जानते हैं। तुम्हारे इलाज का खर्चा भी हम उठाएंगे।’
क्या बोले थे अनुराग कश्यप?
अनुराग कश्यप के विवादित बयान की बात की जाए तो उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर पोस्ट शेयर की थी। इसमें लिखा था कि उनकी जिंदगी का पहला नाटक ज्योतिबा और सावित्री बाई फुले पर था। उन्होंने सवाल करते हुए लिखा था कि अगर देश में जातिवाद ना होता तो उन्हें लड़ने की क्या जरूरत थी? अनुराग ने पोस्ट में आगे लिखा था कि अब ये ब्राह्मण लोगों को शर्म आ रही है या फिर वो शर्म में मरे जा रहे हैं या फिर एक अलग ब्राह्मण भारत में हैं, जिसे कोई देख नहीं पा रहा। निर्देशक ने कहा कि बेवकूफ कौन है ये कोई तो समझाए।
इसके साथ ही अनुराग ने एक और पोस्ट में ब्राह्मणों को लेकर लिखा था, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पर संतोष भी इंडिया में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण को समस्या है फुले से। भइया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप? आपकी क्यों सुलग रही है। जब कास्ट सिस्टम था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे? या तो आपका ब्राह्मणवाद एक्जिस्ट ही नहीं करता क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है? ये सब लोग मिलकर सबको बेवकूफ बना रहे हैं। भाई मिलकर डिसाइड रर लो इंडिया में जातिवाद है या नहीं। लोग बेवकूफ नहीं हैं। आप ब्राह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं। डिसाइड कर लो।’