The Family Man 2 की जबरदस्त सफलता ने मनोज बाजपेई के करियर को एक बड़ा उछाल दिया है। 4 जून को रिलीज हुई अमेजन प्राइम वीडियो की इस वेब सीरीज को दर्शकों के साथ साथ फिल्म आलोचकों की भी खूब प्रशंसा मिली है। मनोज बाजपेई ने अपने करियर में जो मुकाम हासिल किया है वो उन्हें सालों मेहनत करने के बाद मिली है। जब वो पहली बार दिल्ली आए थे तभी उन्होंने सोच लिया था कि वो ऐसा काम करेंगे जिससे जगह-जगह उनके पोस्टर्स लगेंगे।
उन्होंने बताया था कि जब वो पहली बार दिल्ली आ रहे थे बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद तो उनके पास टिकट नहीं था। पूरी रात वो टीटी से बचने के लिए इधर से उधर भागते रहे थे। जब दिल्ली के आईटीओ पुल पर गाड़ी रुकी तो उन्होंने यह सोच लिया था कि मैं इतनी मेहनत करूंगा कि यहीं मेरी तस्वीर लगेगी एक दिन।
इस किस्से का जिक्र मनोज बाजपेई ने अनुपम खेर के शो पर किया था। उन्होंने बताया था, ‘मेरा एक मारवाड़ी दोस्त था, वो दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए जा रहा था तो मैंने कहा मुझे भी ले चल। मेरे पास रिजर्वेशन नहीं था। जब भी टीटी रिजर्वेशन देखते हुए आता तो मैं दूसरे कंपार्टमेंट में चला जाता था। आगे ट्रेन रुकी तो उतरकर फिर वापस अपने डब्बे में। ये पूरी रात चलता रहा।’
मनोज बाजपेई ने आगे बताया था, ‘वो मंजर मैं भूल नहीं सकता कभी। आईटीओ पुल पर गाड़ी रुकी हुई थी और मैं दिल्ली शहर को, गाड़ियों की देख रहा था और मेरे मन में उस दौरान ये बात आई और मुझे लगा कि एक दिन मेरा पोस्टर छपेगा यहां पर।’
मनोज बाजपेई दिल्ली तो आ गए लेकिन उनका सफर बहुत मुश्किल रहा। यहां आकर उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और थियेटर करने लगे थे। उन दिनों उनकी जेब में पैसे नहीं होते थे। कई बार उन्हें भूखे पेट ही सोना पड़ता था। जब उन्हें फ़िल्म बैंडिट क्वीन में काम मिला तब जाकर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हुई।
इसी बीच उन्हें स्वाभिमान नामक टीवी शो में काम मिला जिसमें उनके काम को काफी पसंद किया गया। फिल्म सत्या के बाद से मनोज बाजपेई बॉलीवुड के स्थापित अभिनेता बन गए।