पिछले कुछ दिनों में, हमने पूरे देश में हिजाब का मुद्दा सबसे ज्यादा सुर्खियों में बना हुआ है। हिजाब और यूनिफॉर्म की बहस में तमाम बॉलीवुड सेलेब्स भी शामिल हो गए और अपनी अपनी राय और नजरिया सोशल मीडिया के माध्यम से रखने लगे। इसी बीच अभिनेत्री सोनम कपूर का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और खूब विवादों में आ गया। सोनम कपूर के इस पोस्ट पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने रिएक्शन दिया है।

सोनम कपूर ने मामले पर रिएक्शन देते हुए पोस्ट किया था जिसमें दो तस्वीरें पोस्ट की थीं। एक तस्वीर में पगड़ी पहने एक सिख दिखाई दे रहा था तो दूसरी में हिजाब पहने मुस्लिम महिला। तस्वीर शेयर करते हुए सोनम ने सिख की तस्वीर पर लिखा, ये हो सकता और मुस्लिम वाली पर लिखा ये नहीं हो सकता।

अब, राजनेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोनम के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और उन्हें हिजाब और पगड़ी की तुलना करने के लिए उन्हे गलत बताया। उन्होंने कहा, “सोनम कपूर ने इंस्टाग्राम पर विवादित पोस्ट डाली। उन्होंने दिखाया कि जो दस्तार है उसकी च्वाइस यहां देश में हो सकती है, हिजाब की नहीं है। पहले तो मैं सोनम कपूर ये कहना चाहता हूं कि इस तरह की विवादास्पद बात से जान बुझकर दो धर्मो को आप में भिड़ाने का काम करना गलत है। ये जो तुमने दस्तर की तुलना किया है, ये दस्तर सिख के लिए जरूरी है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने जो हम ये बख्शीश दी है, हर सिख के अनिवार्य है ये हमारे शरीर हिस्से का हिसा है, कोई एक्सेसरी नहीं है।” (सोनम कपूर ने इंस्टाग्राम पर एक विवादित पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने दिखाया है कि देश में पगड़ी पहनना एक पसंद है और हिजाब के लिए नहीं। सबसे पहले मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि पगड़ी और हिजाब के बीच तुलना गलत है क्योंकि पगड़ी गुरु गोबिंद सिंह जी की ओर से सिख समुदाय को एक उपहार है और यह हमारे शरीर का एक हिस्सा है और कोई एसेसीरीज नहीं है।)

उन्होंने आगे कहा, “हिजाब की तुलना करना दस्तार के साथ बिलकुल गलत है। सब धर्मो की अपनी मान्ताएं हैं। वो मान्यताएं कायम रहनी चाहिए। लेकिन इस तरह जान बुझकर जो सोनम कपूर ने किया और ये जो शरारत दुनिया में की रही है और लोगो को उकसाया जा रहा है, ये बहुत गलत है और मैं इसकी कड़ी शब्द में निंदा करता हूं। और मैं सोनम कपूर को कहना चाहता हूं कि तुम्हारा काम कलाकर वाला है तुम अपना कलाकारी का काम करो।”

बता दें कि 5 फरवरी को कर्नाटक सरकार द्वारा सभी स्कूलों और कॉलेजों में एक ड्रेस कोड अनिवार्य करने का आदेश जारी करने के बाद विवाद शुरू हो गया था। इसमें “समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून और व्यवस्था को परेशान करने वाले” कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

जबकि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब की अनुमति देने के विवाद ने सभी का ध्यान खींचा। देश भर में इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है।