भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम बदलकर हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न’ कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि देश के नागरिकों के अनुरोध पर ये काम किया गया है। भारतीय पुरुष हॉकी ने दशकों बाद ओलंपिक गेम्स में कांस्य पदक जीता जिसके बाद लोगों ने यह मांग की थी। नाम बदलने पर लेकर कांग्रेस ने कहा है कि इसी क्रम में मोदी सरकार नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम भी बदल दे। इसी बहस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।

टाइम्स नाउ के डिबेट शो में बोलते हुए संबित पात्रा कांग्रेस का मजाक उड़ाने लगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व्हाट्सएप का नाम बदलकर ‘राजीव गांधी मुफ्त गपशप योजना’ रखने वाली थी। वो बोले, ‘एक राज की बात बता दूं, ये तो शुक्र है, 2014 में हम सरकार में आ गए। उस वक्त व्हाट्सएप नया नया आया था। कांग्रेसियों ने पूरा प्लान बनाया था, व्हाट्सएप का नाम वो राजीव गांधी मुफ्त गपशप योजना रखने वाले थे।’

वो आगे बोले, ‘ये बात बिलकुल आप पता लगाइए, आरटीआई डालकर। ये कांग्रेसी ऐसा करने वाले थे, शुक्र है, हम आ गए।’ उनकी बातों से भड़कते हुए कांग्रेस ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले चुकीं एथलीट और कांग्रेस पार्टी की विधायक कृष्णा पूनिया ने कहा, ‘आप इस तरह की बातें करके बहुत शोभनीय बात कर रहे हैं? टीवी चैनल के ऊपर आप क्या दर्शाना चाहते हैं? आज बात खेल की हो रही है कि खिलाड़ियों को कैसे आगे लाया जा सकता है, मेडल कैसे लाए जा सकते हैं। आपको ये समझने की जरूरत है।’

 

 

डिबेट के दौरान कृष्णा पूनिया ने कहा कि मेजर ध्यानचंद के नाम पर पहले से ही एक राष्ट्रीय सम्मान का नाम रखा गया है। लेकिन इस तरह से नाम बदलना चाहती है सरकार तो ऐसे सभी नामों पर सवाल उठाए जाएंगे।

संबित पात्रा ने डिबेट का वीडियो क्लिप अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया है जिस पर लोगों की खूब प्रतिक्रिया आई है। ओपीटी रिसोड नाम के एक यूजर ने लिखा है, ‘एक राज की बात बताऊं अच्छा हुआ ओलंपिक में झुठ, फर्जीवाडा के मेडल नहीं होते, नहीं तो अब तक के सारे अवार्ड भाजपा के नाम होते।’

 

परशुराम पाठक नाम के एक यूजर ने लिखा,  ‘मिस्टर पात्रा जी निजी स्वार्थ के लिए भाषा की मर्यादा को मत भूलो। हिंदी लिखने का ज्ञान नहीं है तो ट्यूशन ले लो। राजीव जी और इंदिरा जी धरती पर अवतारी पुरुष थे वही मोदी जी भी हैं। सभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, सभी देश नहीं चला सकते, कुछ तो था ही उनके अन्दर, शर्म करो।’

मोहिल कुशवाहा नाम के एक यूजर ने संबित पात्रा को जवाब दिया, ‘देश के विशाल स्टेडियम का नाम भी मोदी जी एवं अरुण जेटली जी के नाम पर रखना कोई पुरानी राजनीति से अलग नहीं है। मुद्दा नया-राजनीति वही गंदी पुरानी। व्यर्थ की राजनीति करना बंद कीजिए खेल और खिलाडियों पर ध्यान दीजिए, नामों पर नहीं।’