मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उन्हें उनकी बेहतरीन गायिकी के लिए जाना जाता है। वो पॉपुलर लोक गायिका हैं। उनकी गायिकी को लोग काफी पसंद करते हैं। बिहार के मधुबनी की रहने वाली मैथिली महज 24 साल की उम्र में ही देश में ही नहीं विदेशों में भी पॉपुलर हैं। वो ज्यादातर भक्ति गाने गाती हैं। ऐसे में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिला दिवस के मौके पर उन्हें युवा सम्मान से सम्मानित किया है। उन्हें इस साल का कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला है। मैथिली को ये अवॉर्ड कई भाषाओं में गानों की प्रस्तुति के लिए दिया गया है। ऐसे में चलिए आपको उनके बारे में बता रहे हैं।
25 जुलाई, 2000 को जन्मीं मैथिली ठाकुर ने अपने करियर में बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने बहुत ही छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सिंगिंग रिएलिटी शो से की थी। उनका पहला टीवी रियलिटी शो ‘राइजिंग स्टार इंडिया’ था, जिसे 2017 में ऑनएयर किया गया था। यहां अपनी गायिकी से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है। ट्रेडिशनल गानों की प्रस्तुति ने ही उन्हें अलग पहचान दी है।
लोक गीत और भजन के लिए फेमस हैं मैथिली
आपको बता दें कि मैथिली ठाकुर को लोक गीत और भजन गीतों के लिए जाना जाता है। उन्होंने पारिवारिक लोक गीतों के साथ-साथ ट्रैक्स भी गाए हैं। अगर उनके फेमस गीतों की बात की जाए तो इसमें ‘माई री माई’, ‘रंगबती’ और ‘छठ पूजा गीत’ शामिल हैं। मैथिली ठाकुर संगीत के बैकग्राउंड वाले परिवार से ही ताल्लुक रखती हैं।
बॉलीवुड को बॉयकॉट करके भी करोड़ों की मालकिन हैं मैथिली
मैथिली ठाकुर अपनी बेहतरीन गायिकी के अलावा उस समय ज्यादा चर्चा में तब आईं जब उन्होंने बॉलीवुड को पूरी तरह से बॉयकॉट करने का ऐलान किया। दरअसल, बात ऐसी थी कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को पूरी तरह से बॉयकॉट कर दिया। मैथिली ने कहा था कि वो अब किसी भी फिल्म के लिए गाने नहीं गाएंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 24 वर्षीय मैथिली भले ही बॉलीवुड के लिए गाने नहीं गाती हैं। फिर भी लाखों कमाती हैं। वो गानों के साथ-साथ सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भी लाखों कमाती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि उनकी नेट वर्थ करोड़ों में है।
