Lok Sabha Election 2019: अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण का कहना है कि वह अब राजनीति में किंगमेकर की भूमिका नहीं निभाना चाहते हैं। कल्याण ने बीजेपी और चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2014 के दौरान उन्होंनें बीजेपी और चंद्रबाबू नायडू का समर्थन किया था लेकिन इन लोगों ने उनका इस्तेमाल किया। मायावती की पार्टी बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर कर रहे कल्याण ने एनडीटीवी से कहा कि वह(बीजेपी , चंद्रबाबू नायडू) अपनी जीत के लिए मेरा इस्तेमाल करना चाहते हैं और मुझे उभरने नहीं देना चाहते हैं।

चुनाव के बाद जब मैं नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य नेताओं से मिला तो ऐसा लगा कि किसी को मेरी जरूरत ही नहीं है। ऐसा किसी ने कहा नहीं लेकिन मुझे ऐसा महसूस हुआ। प्रख्यात अभिनेता चीरंजवी के भाई पवन कल्याण ने चीरंजीवी की पार्टी प्रजा राज्य पार्टी के साथ अपनी राजनीति की शुरुआत की थी लेकिन इस पार्टी का कांग्रेस में विलय हो जाने के बाद ने कल्याण ने मार्च 2014 में जन सेना बनाई।

2014 में उन्हें बीजेपी और टीडीपी से न्यौता मिला कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रचार करें और उन्होंने ऐसा किया भी। उनका कहना है कि इस बार भी उनको बीजेपी और वाईएसआर से जुड़ने का प्रस्ताव मिला था लेकिन उन्होंने इस बार आंध्र प्रदेश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस बार वह टीडीपी और वाईएसआर को चुनौती देते नजर आएंगे जो जो 175 विधानसभा सीटों और आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

आंध्रप्रदेश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव में जन सेना, बसपा माकपा और भाकपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। और कल्याण का मानना है कि उनकी पार्टी ड्राइविंग सीट पर हैं। गठबंधन ने जन सेना को 35 विधानसभा सीट और सात लोकसभा सीट देने का फैसला किया है।
कल्याण की पार्टि तेलंगाना में भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कल्याण का कहना है कि वह जाति या क्षेत्र के आधार पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी ने चुनाव में दिलचस्प उम्मीदवारों को उतारा है। जगमोहन रेड्डी के खिलाफ पूर्व आईपीएस वीवी लक्ष्मीनारायण और रिटायर्ड बस कंडक्टर के बेटे चैतन्य जैसे उम्मीदवारों को पार्टी ने टिकट दिया है।

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