दिग्गज अभिनेत्री ललिता पवार हिंदी सिनेमा में बड़ा नाम थीं। आज भी लोग उन्हें उनके कई किरदारों के लिए याद करते हैं। रामानंद की ‘रामायण’ में ललिता पवार ने मंथरा का किरदार निभाया था और इसके बाद उन्हें सफलता हासिल हुई। ललिता पवार ने महज 9 साल की उम्र में एक्टिंग करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने करियर में सपोर्टिंग रोल किए और फिर वह मेन स्ट्रीम एक्ट्रेस बन गईं। उन्होंने 700 से अधिक फिल्मों में काम किया। ललिता पवार का करियर बेशक बुलंदियों पर रहा हो, लेकिन उनका निजी जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था।

बहन ही बनी थी सौतन

ललिता पवार की प्रोफेशनल लाइफ काफी चर्चा में रही हैं, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में कम ही लोग जानते हैं। जहां एक तरफ ललिता बुलंदियों की ऊंचाइयों को छू रही थीं, वहीं दूसरी तरफ उनका घर उजड़ रहा था। ललिता पंवार ने फिल्ममेकर गणपत राव से शादी की थी। लेकिन कुछ समय बाद ललिता को अपने पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के बारे में पता चला। बड़ी बात ये है कि जिस महिला के साथ गणपत राव का अफेयर था वो कोई और नहीं ललिता पवार की छोटी बहन थी। एक्ट्रेस की बहन ही उनकी सौतन बन गई थी। ललिता पवार ने अपने पति को छोड़ा और फिल्ममेकर राज कुमार गुप्ता से शादी कर ली।

इस शादी से ललिता पवार काफी खुश थीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने पति को रोमांटिक इंसान बताते हुए उनकी तारीफों के पुल बांधे थे। लेकिन उनकी खुशियां बहुत लंबे समय तक नहीं चली। दूसरी शादी के बाद उन्हें माउथ कैंसर हो गया और वह पुणे शिफ्ट हो गईं। उन्हें लगने लगा था कि उनके साथ ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में नेगेटिव रोल किए थे।

आखिरी पल में कोई नहीं था साथ

बचपन से ही लोगों के बीच घिरी रहने वाली ललिता पवार अपने आखिरी वक्त में बिल्कुल अकेली थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब उन्होंने आखिरी सांस ली वह अने पुणे वाले बंगले में बिल्कुल अकेली थीं। उनके बेटे ने जब उन्हें फोन किया और कोई जवाब नहीं मिला तो वह पुणे पहुंचा। जहां उसने अपनी मां का तीन दिन पुराना शव पाया।

शूट में बिगड़ गया था चेहरा

साल 1942 में ललिता पवार, भगवान दादा के साथ फिल्म ‘जंग-ए-आजादी’ की शूटिंग कर रही थीं। एक सीक्वेंस में भगवान दादा को उन्हें थप्पड़ मारना था, लेकिन वो थप्पड़ उन्हें इतना तेज लगा की वह गिर गईं। थप्पड़ लगने से उनके कान से खून निकलने लगा और उनकी आंख की एक नस डैमेज हो गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन सही इलाज न मिलने से उनके शरीर का सीधा हिस्सा पैरालाइज हो गया। तीन सालों तक इलाज चलने के बाद भी वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाईं।

अपने एक इंटरव्यू में ललिता पवार ने कहा था, “जंग-ए-आजादी की शूटिंग के दौरान एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण एक लीडिंग लेडी के रूप में मेरा करियर अचानक खत्म हो गया। सीन के  अनुसार, मास्टर भगवान को मेरे चेहरे पर एक थप्पड़ मारना था और जब उन्होंने ऐसा किया, तो यह इतना जोरदार था कि मेरा चेहरा पैरालाइज हो गया। मेरी बाईं आंख डैमेज हो गई।”