दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को अदालत में दावा किया कि अमेरिकी शोधकर्ता से बलात्कार के मामले में सभी सबूत आरोपी पीपली लाइव को-डायरेक्टर महमूद फारूकी का दोष साबित करते हैं। पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन के समक्ष अंतिम दलीलें रखते हुए मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी की वजह बताई और कहा कि महिला अपना शोध वीजा खत्म होने पर अमेरिका अपने परिवार के पास लौट गई थी।

शिकायतकर्ता की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत में दलील दी कि 30 साल के अमेरिकी नागरिक को अपने शोध वीजा के नवीनीकरण का इंतजार करना पड़ा ताकि वह भारत लौट सके और प्राथमिकी दर्ज करा सके। अदालत मामले में शुक्रवार को बचाव पक्ष के वकील की अंतिम दलीलों पर सुनवाई शुरू करेगी।

फारूकी ने पहले अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया था। उनकी अंतरिम जमानत अगली सुनवाई तक बढ़ा दी गई है। अदालत ने पिछले हफ्ते मामले में अंतिम दलीलों पर सुनवाई शुरू की थी जब पुलिस ने कहा था कि कथित पीड़िता के बयान से आरोपी के बारे में पता चला। महिला के मुताबिक उसने फारूकी पर भरोसा किया और उन्हें अपना दोस्त माना।

मामले में मुकदमा पिछले साल नौ सितंबर को शुरू हुआ था जब महिला अदालत में पेश हुई और अपना बयान दर्ज कराया। अमेरिकी महिला ने बंद कमरे में चली कार्रवाई में आरोप लगाया था कि फारूकी ने 28 मार्च को अपने सुखदेव विहार स्थित आवास पर उसके साथ बलात्कार किया था और बाद में उसे कई ईमेल भेजकर माफी मांगी। फारूकी ने दावा किया था कि उन्हें गलत तरह से फंसाया गया है।