दिवंगत अभिनेका दिलीप कुमार(Dilip Kumar) की छोटी बहन फरीदा की तबीयत कई दिनों से ठीक नहीं है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि बीते 7 दिनों से वह मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल( Kokilaben Ambani Hospital) में एडमिट है। हालांकि, परिवार ने इस बारे में चुप्पी साध रखी है। वह, फरीदा के बारे में कोई जानकारी पब्लिक नहीं कर रहे हैं। वहीं ईटाइम्स की खबर के मुताबिक फरीदा की तबीयत खराब थी और अब उसमें कुछ हद तक सुधार हुआ है। हालांकि ये पता नहीं चल पाया है कि फरीदा को क्या हुआ है।

सायरा बानो कर रहीं देखभाल

दिलीप और फरीदा के भतीजे साकिब (महबूब खान के पोते) और इमरान (फौजिया के बेटे), सायरा बानो के साथ मिलकर दिन-रात फरीदा की देखभाल कर रहे हैं। हालांकि, दिलीप कुमार के निधन के बाद से ही सायरा बानो की भी तबीयत ठीक नहीं रहती है। वह अक्सर चेकअप के लिए अस्पताल जाती रहती हैं। सायरा के एक करीबी का कहना है कि मुश्किल घड़ी में दिलीप कुमार के भतीजे हमेशा साथ खड़े रहते हैं।

वहीं सायरा बानो (Saira Banu) ने भी इन्हें अपनी ताकत बताया था। बता दें कि बता दें कि दिलीप कुमार के 11 भाई-बहन हैं। पांच भाई – नासिर खान, अहसान खान, असलम खान, नूर मोहम्मद, अयूब सरवर। दिलीप की 6 बहनें हैं- फौजिया खान, सकीना खान, ताज खान, फरीदा खान, सईदा खान और अख्तर आसिफ। दिलीप के तीन भाई नासिर खान, असलम खान और अहसान खान अब इस दुनिया में नहीं रहे। दिलीप कुमार ने भी 7 जुलाई 2021 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

दिलीप साहब के बिना लाइफ पहले जैसी नहीं

बता दें कि सायरा बानो ने एक इंटरव्यू के दौरान बोला था कि ‘मैं लकी हूं कि दिलीप साहब के शुभचिंतकों के संदेश पिछले कुछ दिनों से आने लगे हैं। मेरे सभी रिश्तेदारऔर दोस्त मुझे जन्मदिन की बधाई देने के लिए मुझसे संपर्क कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि मैं अकेलापन महसूस करूं, लेकिन दिलीप साहब के बिना जन्मदिन मुबारक नहीं हो सकता। सब कुछ पहले जैसा नहीं हो सकता। जो जीवन उनके साथ था वैसा कभी नहीं हो सकता।’

दिलीप कुमार से 22 साल छोटी थी सायरा

आपको बता दें कि सायरा बानो दिलीप कुमार से 22 साल छोटी थीं। दिलीप कुमार बॉलीवुड इंडस्ट्री में ट्रेजडी किंग के नाम से फेमस रहे हैं। दिलीप कुमार ने साल 1950 और 60 के दौरान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया था। उन्हें साल 1991 में पद्म भूषण और साल 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।