मशहूर गायिका लता मंगेशकर का आज सुबह 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। लता मंगेशकर के निधन से पूरी इंडस्ट्री में मातम छा गया है। सेलेब्स से लेकर आम जनता तक सभी उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। लता जी ने अपने पूरे करियर में अलग-अलग भाषाओं में करीब 30 हजार से भी ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी। उनकी आवाज सभी के दिलों में बसी हुई है। लेकिन क्या आपको पता है, उन्हें उनकी पतली आवाज की वजह से कभी रिजेक्ट कर दिया गया था।
लता मंगेशकर ने फिल्म जगत में एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर कदम रखा लेकिन वो रिजेक्ट हो गई थीं। वो इसलिए क्योंकि तब नूर जहां और शमशाद बेगम जैसे गायक छाए हुए थे। उन गायकों की आवाज के सामने लता मंगेशकर की आवाज बेहद पतली थी और वो उनके सामने टिक नहीं पाई। उस समय उनसे कहा गया था कि उनकी आवाज काफी पतली है और हिरोइन के ठीक नहीं बैठेगी।
बता दें, लता मंगेशकर साल 1938 में मजह 9 साल की उम्र में शोलापुर के एक नूतन थिएटर में पहली बार लोगों के सामने गया था। वहीं साल 1942 में लता जी सिर्फ 13 साल की थी और तब उनके पिता का निधन हो गया था। जिससे वो काफी टूट गई थीं। इसके बाद उन्होंने खुद को संभाला और साल 1942-1948 तक करीब आठ से ज्यादा फिल्मों में अभिनय भी किया।
बता करें लता मंगेशकर के पहले गाने की तो उन्होंने अपना पहला गाना साल 1942 में आई मराठी फिल्म ‘किटी हसाल’ के लिए रिकॉर्ड किया था। लेकिन ये गाना कभी रिलीज नहीं हो पाया। इस गाने को फाइनल कट में हटा दिया गया था क्योंकि उनकी आवाज पतली थी। फिर उनके करियर ने एक नया मोड़ लिया। साल 1949 में उन्होंने फिल्म ‘महल’ के लिए ‘आनेवाला आएगा’ गाना गाया, इस गाने से उन्होंने खूब लोकप्रियता हासिल की और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
गौरलतब है कि लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर भी थिएटर एक्टर और क्लासिकल सिंगर थे। लता जी को संगीत उनके पिता से ही मिली थी। वो बचपन से ही संगीत में रूचि रखती थीं।