बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं। लालू साल 1990 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और इसके बाद केंद्रीय रेल मंत्री तक रहे। लालू के रेल मंत्री रहते हुए ही उनके सास-ससुर बिना टिकट लिए एसी कोच में सफर करते हुए पकड़े गए थे। घटना 2006 की है और तब लालू के पास ही रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी हुआ करती थी।
जब बिना टिकट ट्रेन में सफर करते पकड़े गए थे लालू के सास-ससुर: लालू के ससुर शिवप्रसाद चौधरी और उनकी पत्नी को हाजीपुर से सीवान जाना था और वह हाजीपुर से ट्रेन पर बैठे थे, लेकिन उन्होंने टिकट नहीं ली थी। टिकट चेकर ने शिवप्रसाद चौधरी से टिकट मांगी तो उन्होंने टिकट न होने की जानकारी दी। इसके साथ उन्होंने बताया, ‘हमने कभी ट्रेन में टिकट लेकर सफर नहीं किया।’ इस बात का जिक्र खुद बीबीसी संवाददाता आलोक कुमार ने अपनी एक रिपोर्ट में किया था।
आलोक कुमार भी उस दौरान बिहार संपर्क क्रांति में मौजूद थे और उन्होंने खुद ये पूरा किस्सा देखा था। रेलवे अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने दंपत्ति को ट्रेन से उतारने का प्रयास किया, लेकिन ये प्रयास खाली गया। तत्कालीन रेल मंत्री के सास-ससुर इस बात को जानकर पूरी तरह हैरान रह गए थे कि उन्हें भी टिकट लेने की आवश्यकता है।
इसके बाद शिवप्रसाद चौधरी ने आलोक कुमार को बताया था, ‘स्टेशन मास्टर ने खुद आकर उन्हें ट्रेन में बिठाया था। इसलिए उन्हें टिकट लेकर चलने की क्या जरूरत पड़ी थी।’ देखते ही देखते इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया। उस दौरान देवमणि दुबे नाम के अधिकारी ने लालू के सास-ससुर पर बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना भी लगाया था और इस कदम के लिए अधिकारी की खूब तारीफ भी हुई थी।
साल 2016 में देवमणि दुबे ने बीजेपी जॉइन कर ली थी। बता दें, 1988 में देवमणि ने यूपी पुलिस जॉइन की थी। इसके बाद वह एसपी तक बने थे। उनके कामकाज को देखते हुए 2003 में उनका प्रमोशन करते हुए रेलवे में विजिलेंस डायरेक्टर बनाया गया था। बीजेपी उन्हें चुनाव प्रचार के लिए आगे भी लाई थी, लेकिन दूसरी तरफ लालू को इसके लिए बहुत किरकिरी झेलनी पड़ी थी।