Laila Majnu Quick Review: कुछ प्रेम-कहानियां कभी नहीं मरती क्योंकि प्यार पर कुछ लोगों का भरोसा कभी नहीं टूटता। बॉक्सऑफिस पर धमाल मचाने के लिए एकता कपूर की फिल्म ‘लैला-मजनूं’ बिल्कुल तैयार है। इम्तियाज अली ने फिल्म की कहानी लिखी है और फिल्म का निर्देशन साजिद अली ने किया है। प्रेम-कहानियों को परदे पर उकेरने की कला इम्तियाज अली को बखूबी आती है। साल 2008 में देवदास के मॉर्डन संस्करण के तौर पर अनुराग कश्यप ने फिल्म देव डी का निर्माण किया था। ‘लैला-मजनूं’ भी क्लासिक प्रेम-कथा को मार्डन रूप में पेश करने की एक कोशिश है।
फिल्म की कहानी कश्मीरी पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म की कहानी लैला (तृप्ति तिमरी) और कैस( अविनाश तिवारी) के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में लैला और कैस के मिलन और अलगाव को बखूबी दिखाया गया है। कश्मीर की खूबसूरत वादियों के बीच प्रेमी-प्रेमिका के खास पलों को बखूबी कैप्चर किया गया है। फिल्म का एक डायलॉग दर्शकों का काफी पसंद आ रहा है- ‘प्यार का प्रॉब्लम क्या है न, जबतक कि उसमें पागलपन न हो वो प्यार ही नहीं।’
फिल्म की कहानी की बात करें तो एक कैस की निगाह लैला पर पड़ती है और उसे पहली नजर में ही लैला से प्यार हो जाता है। जैसे-जैसे वक्त गुजरता है लैला भी कैस को पसंद करने लगती है। दोनों छिप-छिपकर एक-दूसरे से मिलने लगते हैं। एक दिन जब लैला के परिवार को कैस के बारे में पता चलता है तो वह लैला को कैस से दूर कर देते हैं। कई तरह की मुश्किलों का सामना करने के बावजूद कैस के सिर से लैला के प्यार का खुमार नहीं उतारता है। क्या प्यार में पागल एक प्रेमी कैस अपनी प्रेमिका लैला से मिलने में सफल होता है या फिर नहीं। यदि आपको यह जानना है तो शुक्रवार को सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा। प्यार की खूबसूरत कहानी ‘लैला-मजनूं’ 7 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।