स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा बेबाकी के राजनीति और राजनेताओं पर कॉमेडी करने के लिए मशहूर हैं। इस कारण वो कुछ महीने पहले विवादों में भी घिर गए थे। अब उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर भी कुछ ऐसा ही ट्वीट किया है, जो काफी वायरल हो रहा है। दरअसल रेखा गुप्ता 26 जून को द इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम EXPRESS ADDA में बतौर गेस्ट शामिल हुई थीं, जहां उन्होंने कुणाल कामरा को लेकर कहा कि अगर वो दिल्ली में शो करना चाहते हैं तो अपने रिस्क पर आएं। इस पर अब कुणाल कामरा ने जवाब दिया है और कहा है कि ये दिल्ली टूरिज्म की टैगलाइन होनी चाहिए।
क्या बोली थीं रेखा गुप्ता?
द इंडियन एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयंका ने रेखा से रेपिड फायर में कई सवाल किए। एक सवाल कुणाल कामरा से जुड़ा था। रेखा गुप्ता से पूछा गया, “कुणाल कामरा, अगर वो कहें कि उनको दिल्ली में एक कॉमेडी का शो करना है, जो वो करते हैं और वो शो में आप मान सकते हैं कि हमारे पीएम पर, सब लोग पर मजाक होगी। तो आप क्या सलाह देंगी? दिल्ली में शो करना चाहिए या नहीं?” इस सवाल पर रेखा गुप्ता ने कहा, “अपने रिस्क पर आएं।” ये बात सुनते ही कार्यक्रम में मौजूद लोग तालियां बजाने लगे। इसके बाद रेखा गुप्ता ने कहा, “दिल्ली की जनता उन्हें सुनेगी।” फिर उनसे सवाल किया गया कि वो एक मुख्यमंत्री होकर ऐसा कैसे बोल सकती हैं। जिस पर उन्होंने कहा, “अरे! दिल्ली की जनता सुनेगी ना उन्हें, इसलिए कह रही हूं।” पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
कुणाल कामरा का तीखा वार
अब रेखा गुप्ता के इस बयान पर कुणाल कामरा ने X पर क्रिप्टिक ट्वीट किया है। जिसमें लिखा है, “‘अपने रिस्क पर आएं’, ये दिल्ली टूरिज्म की टैगलाइन होनी चाहिए।” कुणाल के ट्वीट पर तमाम लोगों ने रिएक्शन दिए हैं। एक यूजर ने लिखा, “किसी भी राज्य या देश के सच्चे शासक जनता ही होती है और चूंकि आप उन्हें पहले ही निराश कर चुके हैं, इसलिए उनके स्थान पर अपने रिस्क पर ही जाएं।” दूसरे यूजर ने लिखा, “तुम सीएम रेखा गुप्ता के शब्दों को तोड़ मरोड़ रहे हो।”
क्यों ऐसा बोलीं रेखा गुप्ता?
मार्च, 2025 में कुणाल कामरा ने अपने स्टैंड अप कॉमेडी शो के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर एक कविता सुनाई थी, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के मशहूर गाने “भोली सी सूरत, आंखों में मस्ती” की पैरोडी सुनाई थी। इस कविता के कारण वो कानूनी पचड़े में फंस गए थे। जिसके बोल थे-
“ठाणे की रिक्शा, चेहरे पर दाढ़ी, आंखों पर चश्मा हाय!
एक झलक दिखलाये कभी, गुवाहाटी में छुप जाए।
मेरी नजर से तुम देखो, गद्दार नजर वो आए।
मंत्री नहीं है वो, दल बदलू हैं और कहा क्या जाए, जिस थाली में खाए उसमें छेद कर जाए।
मंत्रालय से ज्यादा फडणवीस की गोदी में मिल जाए।”