तीन कृषि विधेयकों (Farm Reform Bills) को लेकर किसानों के जारी विरोध के बीच आज (रविवार) राज्यसभा में कृषि क्षेत्र से जुड़े दो विधेयक ध्वनि मत से पास हो गए हैं। इसी बीच कुमार विश्वास ने कहा कि आज एक भी सच्ची, तटस्थ और सिर्फ़ किसानों की आवाज़ नहीं है। कुमार विश्वास ने इस दौरान किसानों की हितों के लिए आवाज उठाने वाले पूर्व राजनेताओं के नाम का भी जिक्र किया।
कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, ‘प्रश्न यह नहीं है कि देश के अन्नदाताओं का भविष्य, संसद आज तय कर रही है! चिंता इस बात की है कि यह दौर चौधरी चरणसिंह, चौधरी देवीलाल, राजेश पायलट,चौधरी महेंद्रसिंह टिकैत व शेतकारी संघटना के शरद जोशी जैसी आवाज़ों की अनुपस्थिति का दौर है उन्होंने आगे लिखा कि एक भी सच्ची, तटस्थ और सिर्फ़ किसानों की आवाज़ नहीं है। कुमार विश्वास के इस ट्वीट पर यूजर्स की काफी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां कुछ यूजर्स सरकार को निशाने पर ले रहे हैं तो कुछ किसानी से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। वहीं कुछ कुमार विश्वास पर निशाना साध रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, प्राचीन काल में भारतीय राजाओं के दरबार में सिर्फ गुणगान करने वाले (भाट) हुआ करते थे, सिर्फ उन्हें ही सरकारी (राजश्री) सम्मान से नवाजा जाता था। आज भी परम्परा कायम है। जय जय श्रीराम।
वहीं गुलशन कुमार नाम के यूजर ने कुमार विश्वास को जवाब देते हुए लिखा, सच सुनकर असुरक्षित हो जाने वाले राज दरबारी फर्जी कवि, राष्ट्र के लोगों के निष्पाप-मन का आँगन तय करता है कि कौन सा कवि राष्ट्र-मन जीवित रहेगा, कौन कवि राज दरबार में शीश झुकाएगा! सरकारें तो आएंगी, जाएंगी ! लेकिन शांति प्रिय समुदाय के लिए हमारी चापलूसी नहीं जाएगी।
प्रश्न यह है कि जिन किसान नेताओं की बात आपने करी उनके समय मे किसानों का कितना भला हुआ या अब जो कानून बन रहे हैं उनसे किसानों का कितना भला होगा उसपर विचार रखिये नहीं तो किसान राजनीति करनेवालों के परिवार तो अरबोंपति बन गये और किसान वहीं का वहीं रहा
— Dinesh Mittal (@dineshmittal3) September 20, 2020
इसके साथ एक यूजर ने लिखा, सरकारों की मंशा न तो कवियों के अनुरूप रही है ना ही युवाओं के। ये क्या रोजगार देंगे। हम खुद ही इन्हें चुनकर इन्हें रोजगार दे रहे हैं। याद रखिये गुरुवर यदि सच को सच और झूठ को झूठ कहने की ताकत हमारे कलेजे में न हो तो हम अपने अग्रेतर वंशजों को मुंह दिखाने लायक नहीं हैं।
चिंता इस बात की है कि किसानों के नाम पर राजनीति चमकाने वाले वे परिवार जिनका उल्लेख आपने किया है उन्होंने सत्ता में रहते हुए उनका क्या भला किया है?या सिर्फ कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों को ही सेट किया है ?इन परिवारों की आज की आर्थिक हालात किसी उद्योगपति से कम नही है
— Shree Kant sharma (@srk_shrikant) September 20, 2020
एक यूजर ने कमेंट किया, बेवकूफ़ नहीं है किसान जो कोई उन्हें भड़काएगा। इतनी महामारी में यूँ ही सड़कों पर नहीं हैं इतने दिन से। वहीं एक ने कुमार विश्वास पर पलटवार करते हुए लिखा, तो सर आप क्यूों नहीं आवाज बनते?? जब APMC पर कुछ परिवारों का एकाधिकार समाप्त होने जा रहा है तब क्या उससे किसी एक किसान को भी फायदा नहीं होगा?? किसान अपनी उपज पूरे भारतवर्ष में कहीं भी बेच सकेगा क्या इससे एक भी किसान को फायदा नहीं होगा??
तो सर आप क्यूं नहीं आवाज बनते??
जब APMC पर कुछ परिवारों का एकाधिकार समाप्त होने जा रहा है तब क्या उससे किसी एक किसान को भी फायदा नहीं होगा??
किसान अपनी उपज पूरे भारतवर्ष में कहीं भी बेच सकेगा क्या इससे एक भी किसान को फायदा नहीं होगा??— SAMEER YADAV (@SAMEER_YADV) September 20, 2020
केंद्र सरकार के नए बिल को लेकर एक यूजर ने लिखा कि नए बिल से बिचौलिए किसान और मंडियों के बीच से दूर हो जाएंगे। और किसानों को अपना सामान बेचने का पूर्ण अधिकार होगा। कानून तो पाक साफ है पर भारत में हर चीज पर राजनीति न हो ऐसा हो नहीं सकता।
नए बिल से बिचौलिए किसान और मंडियों के बीच से दूर हो जाएंगे और किसानों को अपना सामान बेचने का पूर्ण अधिकार होगा। कानून तो पाक साफ है पर भारत में हर चीज पर राजनीति न हो ऐसा हो नहीं सकता। pic.twitter.com/oCPhndPjKZ
— चौधरी साहब। (@Choudhary34Amit) September 20, 2020
कुमार विश्वास पर प्रहार करते हुए एक अन्य ने लिखा कि तुम झूठ और सच में आज तक फर्क नहीं कर पाए। उसने कहा, तुम्हारी इसी तरह की राजनीति के कारण तुम सफल नहीं हो पाए।
तुम्हारी इसी तरह की राजनीति के कारण तुम सफल नहीं हो पाए अपने अलावा हर दूसरे इंसान को चोर भ्रष्ट और झूठा समझते हो इसलिए कोई सच्चा इंसान तुम्हें दिखता ही नहीं वह कहानी है ना दुर्योधन को सारे दुर्योधन ही दिखे किसान बिल हो या caa aur nrc तुम खुद आज तक तय नहीं कर पाए सच और झूठ
— virendra kumar (@virendrakumarb7) September 20, 2020
यूजर ने आगे लिखा कि अपने अलावा हर दूसरे इंसान को चोर भ्रष्ट और झूठा समझते हो इसलिए कोई सच्चा इंसान तुम्हें दिखता ही नहीं। वह कहानी है ना, दुर्योधन को सारे दुर्योधन ही दिखे।किसान बिल हो या सीएए और एनआरसी, तुम खुद आज तक तय नहीं कर पाए सच और झूठ।

