लखीमपुर खीरी में किसानों को कथित रूप से गाड़ी से कुचलने के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने क्राइम ब्रांच के समक्ष सरेंडर कर दिया है। शुक्रवार को पुलिस के समन जारी करने के बावजूद वो हाज़िर नहीं हुए थे। उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज है, बावजूद इसके उनकी गिरफ़्तारी में देरी हुई जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। हिंदी कवि कुमार विश्वास ने इसी बात को लेकर अपना दर्द जाहिर किया है। दरअसल कुमार विश्वास जब आम आदमी पार्टी में थे तब चुनावों के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उन पर कई मुक़दमे दर्ज हुए जिसे लेकर उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी।

इसी बात को लेकर उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने आशीष मिश्रा के बहाने अपनी बात रखी है। उन्होंने तंज के अंदाज़ में लिखा, ‘संभवतः गोपनीय प्रवास पर आरोपमुक्ति के जुगाड़-चिंतन में व्यस्त मोनू भैया से निवेदन है कि लोकतंत्र के क़ालीन पर पधारें। पूरी व्यवस्था हाथ जोड़े आपकी प्रतीक्षा कर रही है। कल जलूल-जलूल पेश हो जाना प्लीज़। “लहर की प्यास पर पहरे बिठाए जाते हैं, समंदरों की तलाशी कोई नहीं लेता…”।’

कुमार विश्वास ने इस ट्वीट में आगे लिखा है, ‘2013 के दिल्ली चुनावों और 2014 के आम चुनावों में प्रत्याशियों के लिए की गई रैलियों में चुनाव आयोग के नियमानुसार रात 10 बजे के बाद साढ़े दस बजे तक भाषण जारी रखने के महान आपराधिक आरोप में मुझ पर देश भर के न्यायालयों में जो मुक़दमे हैं उनमें माननीय न्यायमूर्ति जी ने मेरे निजी वकील (क्योंकि जिस दल के लिए रैली कर रहा था, उसने अपने वकीलों को मेरी सुनवाई से हटा लिया है) से कहा- अभियुक्त कुमार विश्वास को ही हाज़िर करो।’

कुमार विश्वास ने आगे लिखा, ‘अनेक बार गैर जमानती वारंट जारी किए गए। मुझे अपने बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम छोड़कर कई बार जाना पड़ा। हर बार अपने पैसों से वकील किए, यात्राएं की। न्यायमूर्ति जी ने मुझे ऐसे महान अपराधों के लिए मुजरिमों के कटघर में घंटों खड़ा रखा है।’

कुमार विश्वास जब आम आदमी पार्टी के नेता थे और अमेठी से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे तब आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन, रास्ता जाम करने और सरकारी कामों में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में उन पर 3 फौजदारी मुक़दमे दर्ज किए गए थे।