फिल्म निर्माता किरण राव ने एक्टर आमिर खान से शादी की थी, मगर बाद में ये शादी टूट गई। एक्ट्रेस ने हाल ही में मदरहुड के बारे में खुलकर बात की और शेयर किया कि उनके बेटे आज़ाद के जन्म से पहले, उनके “बहुत सारे गर्भपात” हुए थे। किरण ने बताया कि उस समय उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं और उन्होंने “बच्चा पैदा करने के लिए बहुत कोशिश की थी।”
किरण ने ज़ूम एंटरटेनमेंट के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “जिस साल धोबी घाट बनाई गई, उसी साल आज़ाद का जन्म हुआ था। और मैंने बच्चा पैदा करने के लिए बहुत कोशिश की थी। पाँच सालों तक, मुझे बहुत सारे गर्भपात, बहुत सारी व्यक्तिगत, शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा। मेरे लिए बच्चा पैदा करना बहुत मुश्किल हो रहा था। मैं वास्तव में बच्चा पैदा करने के लिए उत्सुक थी।
आज़ाद के जन्म के बाद किरण ने फ़िल्म निर्देशन से दूरी बना ली और कहा कि उन्हें 10 साल से अधिक समय तक फ़िल्म न बनाने का कोई मलाल नहीं है। किरण ने कहा, “मुझे आजाद के साथ रहने में बहुत आनंद आया। वे मेरे जीवन के सबसे अच्छे साल थे। मुझे 10 वर्षों में कोई फिल्म न बना पाने का कभी अफसोस नहीं होगा। मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि मैंने इसका पूरा आनंद लिया।
उसी चैट में जब किरण से पूछा गया कि क्या आज़ाद एक्टर बनना चाहते हैं तो उन्होंने कहा, ”नहीं, इस वक्त नहीं। उसे फिल्मों में कोई दिलचस्पी नहीं है।” किरण ने कहा, ”आज़ाद को “कला, संगीत और एनीमेशन” में बहुत रुचि है।”
किरण और आमिर की शादी साल 2005 में हुई थी और साल 2021 में दोनों अलग हो गए थे। किरण और आमिर ने सरोगेसी के जरिए आजाद को जन्म दिया था, इस बारे में 2016 में एक कार्यक्रम में, आमिर ने पीटीआई को बताया, “किरण और मैं दोनों एक बच्चा चाहते थे और जब आज़ाद का जन्म हुआ, तो हम दोनों बहुत खुश थे और हम दोनों इसके बारे में लोगों के साथ ईमानदार रहना चाहते थे। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है, हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और लोगों को इसके बारे में पता होना चाहिए। इसलिए, हमने भी ईमानदारी से मीडिया को बताया कि हमें आईवीएफ सरोगेसी के माध्यम से एक बच्चा हुआ है और हम बहुत खुश हैं कि हमने ऐसा किया, यह हमारे जीवन में बहुत सारी खुशियाँ लेकर आया है।
2009 में आमिर ने अपने ब्लॉग के जरिए गर्भपात के बारे में खुलासा किया था। आमिर ने लिखा था, “दोस्तों, मेरे पास बुरी खबर है। किरण और मैंने अपना बच्चा खो दिया। हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद हम गर्भपात को रोकने में असमर्थ रहे।”