साल 1986 में बिहार के छपरा में जन्मे शत्रुघ्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) ने कई संघर्षों के बाद भोजपुरी के इस मुकाम को हासिल किया है। बचपन गरीबी में बीती। कमाने वाले पिता और चाचा थे जिससे मुश्किल से सात भाई अपना पेट भर पाते थे। गरीबी की वजह से ही सभी की शिक्षा पर असर भी पड़ा। खेसारी किसी तरह मैट्रिक तक पहुंच पाए। लेकिन उसी वक्त उनके साथ दोस्त ने कुछ ऐसा कर दिया कि वह फेल होते-होते बचे थे।

एक यूट्यब चैनल को दिए इंटरव्यू में खेसारी लाल के चाचा मेघनाथ यादव ने इस वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि मैट्रिक की परीक्षा थी। खेसारी लाल ने परीक्षा की तैयारी के लिए गेस पेपर खरीदे थे लेकिन उनके एक दोस्त ने परीक्षा के ऐन वक्त पहले गेस पेपर को चुरा लिया। मेघनाथ ने बताया, तब खेसारी लाल बहुत रोए थे। उस वह डर गए कि अब पेपर कैसे देंगे। जिसने वह गेस पेपर चुराया था उसके खेसारी लाल के चाचा ने कहा कि तुम पास नहीं हो पाओगे और मेरा बेटा देखना पास हो जाएगा। और हुआ भी ऐसा ही। खेसारी लाल पास हो गए और उनका दोस्त फेल हो गया।

खेसारी लाल के चाचा के मुताबिक जिसने गेस पेपर चोरी की थी वह आज सिलाई करता है और खेसारी लाल आज भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार बन गए हैं। बता दैं खेसारी का पहला भोजपुरी एल्बम ‘माल भेटाई मेला’ था। इस एल्बम से थोड़ी बहुत पहचान मिलने के बाद साल 2012 में आई खेसारी लाल की पहली फिल्म ‘साजन चले ससुराल’ से वो रातो रात भोजपुरी फिल्म जगत के सितारे बन गए। आज भोजपुरी सिनेमा के महंगे एक्टर में खेसारी लाल शुमार हैं। वहीं परदे पर काजल राघवानी के साथ उनकी जोड़ी को भोजपुरिया दर्शक खूब पसंद करते हैं।

गौरतलब है कि खेसारी लाल अपनी गायिकी में ठेठ देहाती भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मुश्किल दिनों में अपना घर परिवार चलाने के लिए उन्होंने लिट्टी चोखा तक बेचा। अपने अभिनय के शुरुआती दौर में उन्होंने नाच और आर्केस्ट्रा में भी काम किया और बचपन में भैस भी चराया। फिलहाल वह मुंबई के अपने घर में परिवार के साथ रहते हैं। उनके पिता का नाम मंगरू यादव हैं। खेसारी के दो बच्चे हैं बेटे का नाम रिशव यादव और बेटी का नाम कृति यादव हैं। उनकी बेटी उनके साथ भोजपुरी फिल्म में भी नज़र आ चुकीं हैं।