करोड़ों फैन्स और कैमरों की चमक-दमक से दूर जब श्रीदेवी का शव संयुक्त अरब अमीरात की एक मोर्चरी में रखा हुआ था, तब सिर्फ एक आदमी ने श्रीदेवी के शव को वापस भारत भेजने में मदद की थी और वह शख्स हैं ‘अशरफ’। जिनका पूरा नाम ‘अशरफ ‘शेरी’ तामारासेरी’ है। 44 वर्षीय अशरफ केरल के रहने वाले हैं और फिलहाल दुबई में रहते हैं। अशरफ अब दुबई में मरने वाले विदेशियों के परिजनों के लिए मददगार बन चुके हैं। अशरफ अब तक 38 देशों के करीब 4700 शवों को उनके वतन वापस भिजवाने में मदद कर चुके हैं। अशरफ लोगों को दुबई में होने वाली कानूनी कागजी कारवाई में मदद करते हैं।

अशरफ इस नेक काम को बिना कोई फीस लिए स्वेच्छा से करते हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, अशरफ ने द एसोसिएटिड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘चाहे दुबई हो, शारजांह या फिर कोई भी अरब देश…गरीब हो या फिर पैसे वाले, उनके लिए सभी समान हैं।’

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अशरफ ने बताया कि ‘मंगलवार की रात श्रीदेवी के शव के साथ-साथ 5 अन्य लोगों के शवों को भी उनके वतन वापस भेजने में उन्होंने मदद की थी। जब श्रीदेवी के शव को क्लीयरेंस दे दी गई, उसके बाद अशरफ सरकारी मोर्चरी में गए और वहां के अधिकारियों को सभी जरुरी कागजात सौंपे। इसके बाद श्रीदेवी के शव को एक एंबुलेंस में रखकर प्राइवेट जेट तक ले जाया गया। यह प्राइवेट जेट श्रीदेवी के शव को लेकर मुंबई के लिए रवाना हो गया।’

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अशरफ पेशे से एक मैकेनिक शॉप के मालिक हैं, लेकिन उनका अधिकतर वक्त विदेशी लोगों को शवों को उनके देश वापस भेजने के काम में ही बीतता है। अशरफ को इस नेक काम के लिए कई अवॉर्ड भी दिए जा चुके हैं। इन अवॉर्ड के साथ ही उनके घर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी एक तस्वीर भी टंगी हुई है। इस काम को करने का कारण पूछने पर अशरफ ने बताया कि ‘वह यह काम सिर्फ लोगों की दुआओं के लिए करते हैं। जब भी कोई विदेशी यहां मरता है तो उनके परिजनों को यह मालूम नहीं होता कि शव को वापस ले जाने के लिए क्या करना है। इसीलिए मैं उनकी मदद करता हूं।’