कंगना रनौत को मुंबई के दिंडोशी सिविल कोर्ट की तरफ़ से बड़ा झटका लगा है। कंगना ने अनाधिकृत निर्माण गिराए जाने से रोकने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए निर्माण को नियमों का ‘गंभीर उल्लंघन बताया है। कोर्ट का कहना है कि नियमों का उल्लंघन कर कंगना ने अपने तीन फ्लैट्स को एक यूनिट में मर्ज कर लिया है। उनकी याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने उन्हें किसी भी तरह की राहत देने से इंकार किया है।
यह मामला दो साल पुराना है जिसमें बीएमसी ने कंगना पर यह आरोप लगाया है कि कंगना ने अपने फ्लैट में अवैध निर्माण करवाया है। बीएमसी का कहना है कि मुंबई के खार इलाके में 16 मंजिल की बिल्डिंग में कंगना ने पांचवीं मंजिल पर 3 फ्लैट खरीदे हैं और उन्हें नियमों का उल्लघंन करके मर्ज कर दिया है। साल 2018 में ही अभिनेत्री को इस अवैध मर्जर के लिए बीएमसी का नोटिस मिला था।
कोर्ट ने इस मामले में कहा, ‘कंगना रनौत ने शहर के खार इलाके में 16 मंजिला इमारत की पांचवीं मंजिल पर अपने तीन फ्लैट्स को मिला लिया है। ऐसा करके उन्होंने संक एरिया, डक्ट एरिया और आम रास्ते को कवर कर लिया। ये स्वीकृत योजना का गंभीर उल्लंघन है, जिसके लिए सक्षम प्राधिकार की मंजूरी जरूरी है।’
Fake propaganda by Mahavinashkari government, I haven’t joined any flats, whole building is built the same way, one apartment each floor, that’s how I purchased it, @mybmc is only harassing me in the entire building. Will fight in higher court https://t.co/4VBEgcVXf3
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) January 2, 2021
कोर्ट ने कंगना रनौत को हाई कोर्ट जाने के लिए 6 हफ्तों का वक्त दिया है। कंगना रनौत ने कोर्ट के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि ये विनाशकारी सरकार का फेक प्रोपेगेंडा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘ये महाविनाशकारी सरकार का फेक प्रोपेगेंडा है। मैंने कोई फ्लैट आपस में मर्ज नहीं किया है। पूरी बिल्डिंग इसी तरह बनी हुई है, हर फ्लोर पर एक अपार्टमेंट है। मैंने ऐसे ही ये फ्लैट खरीदा था। पूरी बिल्डिंग में बीएमसी केवल मुझे ही प्रताड़ित कर रही है। मैं इसके खिलाफ हाई कोर्ट में लडूंगी।’
आपको बता दें कि 9 सितंबर को कंगना रनौत के पाली हिल स्थित बंगले के कुछ हिस्सों को अनाधिकृत बताते हुए बीएमसी ने ध्वस्त कर दिया था। वो इसके खिलाफ हाई कोर्ट गईं थीं जहां कोर्ट ने इसे गैर कानूनी बताते हुए बीएमसी को फटकार लगाई थी।