कोरोना से निपटने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन को लेकर वेटरन एक्टर कमल हासन (Kamal Haasan) ने पीएम नरेंद्र मोदी को तीन पेजों का खुला खत लिखा है। खत में कमल हासन ने लॉकडाउन की आलोचना करते हुए कई बातों की ओर पीएम का ध्यान खींचा है। हासन ने लॉकडाउन को नोटबंदी की तरह पीएम मोदी के फैसले को गलत बताया। उन्होंने पीएम को 24 मार्च को लिखे खत की याद दिलाते हुए पत्र में लिखा, ‘आदरणीय महोदय, मैं इस पत्र को देश के एक जिम्मेदार लेकिन निराश नागरिक के रूप में लिख रहा हूं। 23 मार्च को आपको लिखे अपने पहले पत्र में सरकार से आग्रह किया था कि हमारे समाज के सबसे कमजोर और आश्रित लोगों की दुर्दशा देखकर मुंह ना मोड़े। लेकिन अगले ही दिन राष्ट्र ने लगभग नोटबंदी की शैली में एक सख्त और तत्काल लॉकडाउन की घोषणा को सुना।”
कमल हासन ने आगे लिखा कि उन्हें लॉकडाउन की घोषणा पर काफी हैरानी हुई लेकिन उनको पीएम पर भरोसा था, ठीक उसी तरह जब उन्होंने नोटबंदी की थी। हासन ने पीएम के इस फैसले को गलत करार देते हुए कहा, ‘मैंने तब भी आप पर भरोसा करना चुना था, जब आपने नोटबंदी की घोषणा की थी, लेकिन समय ने साबित किया कि मैं गलत था। समय ने साबित कर दिया कि माननीय आप भी गलत थे। आप देश के लीडर हैं और 1.4 बिलियन लोग आपकी बात मानते हैं। दुनियाभर में कोई ऐसा नेता ऐसा नहीं है जिनकी इतनी ज्यादा फॉलोइंग है। सारा देश आप पर भरोसा करता है। हम सब आपके निर्देशों पर चलने के लिए तैयार हैं। मैं भी एक लीडर हूं और एक लीडर होने के नाते मेरे आपसे कुछ सवाल हैं।’
कमल हासन ने पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए लिखा, नोटंबदी जैसी गलती को बड़े पैमाने पर फिर से दोहराया जा रहा है। नोटबंदी के वक्त भी गरीबों की बचत और आजीविका को नुकसान हुआ था ठीक वैसे ही लॉकडाउन में होता दिख रहा है। हमें जीवन और आजीविका दोनों के नुकसान की ओर ले जा रही है। गरीबों के पास आपकी ओर देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आपके कहे पर एक तरफ लोग दीए जलाए वहीं गरीबों के पास रोटी सेंकने और सब्जी पकाने के लिए पर्याप्त तेल भी नहीं है।”
My open letter to the Honourable Prime Minister @PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/EmCnOybSCK
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) April 6, 2020
हासन ने पीएम को इस बात के लिए भी सवाल किया कि लोगों के लिए सिर्फ 4 घंटे की नोटिस मिली जबकि बीमारी से लड़ने के लिए आपके पास 4 महीने की नोटिस अवधि थी। हासन ने लिखा, ‘दूरदर्शी नेता वे होते हैं जो समस्या के विकराल रूप लेने से पहले ही उसके समाधान पर काम करना शुरू कर देते हैं।’ खत के आखिर में कमल हासन ने अपने गुस्से को जाहिर करते हुए लिखा, ‘हम गुस्से में हैं लेकिन फिर भी आपके साथ खड़े हैं। जय हिंद।’