साउथ सिनेमा हो या फिर बॉलीवुड सिनेमा इतिहास के महान योद्धा और राजाओं की कहानी फिल्मों के जरिए सभी तक पहुचाने की कोशिश करता है। इंडस्ट्री में अक्सर इतिहास पर आधारित फिल्मों का निर्माण होता रहता है। हाल ही में हिंदुस्तान के महान चोल साम्राज्य पर आधारित एक फिल्म रिलीज हुई है। जिसका नाम है, PS:1 यानी ‘पोन्नियन सेल्वन। यह फिल्म 30 सितंबर को रिलीज की जा चुकी है। इसी फिल्म में चोल वंश के एक महान शासक राजाराज चोल की चर्चा की गई है। राजाराज भारत के महान राजाओं में से एक थे। अब फिल्म रिलीज होने के बाद से राजाराज चोल के धर्म पर बहस छिड़ गई है।

राजराजा चोलन हिंदू राजा नहीं थे

दरअसल फिल्म रिलीज से पहले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तमिल निर्देशक वेत्रिमारन ने कहा था कि ‘हमारे प्रतीक लगातार हमसे छीने जा रहे हैं। वल्लुवर का भगवाकरण हो रहा है। राजराजा चोलन को लगातार हिंदू राजा कहा जा रहा है। के इस बयान के बाद से ही बयान-बाजी का सिलसिला तूल पकड़ने लगा है।’

वेत्रिमारन के दावे पर पर भड़क गए भाजपा नेता

निर्देशक वेत्रिमारन के बयान पर भाजपा नेता एच राजा भड़क गए। उन्होंने कहा कि ‘मैं वेत्रिमारन की तरह इतिहास से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें राजराजा चोलन द्वारा निर्मित दो चर्चों और मस्जिदों की ओर इशारा करना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने खुद को शिवपाद सेकरन भी कहा था। फिर वह तब हिंदू कैसे नहीं हुए?’

कमल हासन ने किया वेत्रिमारन का समर्थन

भाजपा नेता एच राजा द्वारा वेत्रिमारन के दावे पर आपत्ति जताए जाने के बाद फिल्म निर्माता-अभिनेता कमल हासन फिल्म निर्माता की टिप्पणी के समर्थन में आ गए हैं। अभिनेता ने वेत्रिमारन की बात का समर्थन करते हुए कहा कि ‘राजराजा चोलन के समय में हिंदू धर्म की अवधारणा ही नहीं थी। उस दौरान बस वैणवम, शिवम और समानम नामक धर्म थे। हिंदू शब्द तो अंग्रेजों द्वारा गढ़ा गया था। उन्होंने थुथुकुडी को तूतीकोरिन में बदल दिया। इतना ही नहीं कमल हासन ने यह तक कह डाला कि इतिहास पर आधारित ‘पोन्नियिन सेल्वन-1′ का जश्न मनाने का क्षण है। तिहास को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करें और न ही इसमें भाषा के मुद्दे को शामिल करें।’