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खून भरी मांग, मैं हूं ना, दिलवाले, यलगार जैसी कई हिंदी फिल्मों में काम कर चुके कबीर बेदी ने हाल ही में अपने बचपन के बारे में बताया, जब वे अक्सर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के घर जाया करते थे, क्योंकि वे पारिवारिक मित्र थे। कबीर ने कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके भाई संजय गांधी के साथ बड़े हुए हैं, और उन्होंने राजीव के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनसे हुई पहली बातचीत को भी याद किया।
डिजिटल कमेंट्री से बातचीत में कबीर ने याद किया कि उन तीनों ने दिल्ली के एक ही स्कूल में अपनी पढ़ाई शुरू की थी, जहां राजीव उनके सीनियर थे और संजय उनके जूनियर थे। उन दिनों को याद करते हुए कबीर ने कहा कि प्रधानमंत्री का घर उन्हें महल जैसा लगता था, और उन्होंने इसकी तुलना उम्मेद भवन से की, लेकिन अब जब वे इसके बारे में सोचते हैं, तो उन्हें लगता है कि यह “सम्मानजनक” था। उन्होंने यह भी याद किया कि प्रधानमंत्री के घर में एक कमरा था, जिसमें दुनिया भर के खिलौने रखे हुए थे, क्योंकि विदेशी नेता अक्सर युवा राजीव और संजय के लिए खिलौने लाते थे।
कबीर ने उन दिनों को याद किया जब राजीव 1984 में अपनी मां इंदिरा की हत्या के बाद पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। कबीर ने कहा कि जब राजीव पीएम बने तो वह अमेरिका में यात्रा कर रहे थे और वापस आते ही उनसे मिले। वह कई अन्य नेताओं के साथ बाहर इंतजार कर रहे थे लेकिन राजीव ने उन्हें अंदर बुलाया। “मैं अंदर गया और उस विशाल पीएम कार्यालय को देखा। उन्होंने दरवाजा बंद करते हुए कहा ‘कहां फंस गया हूं यार?’ मैंने उनसे कहा ‘पीएम हो, सीरियस हो जाओ’। उन्होंने कहा ‘तुम मुझे मत कहो सीरियस हो जाओ। दिन भर ये लोग मुझे कहते रहते हैं सीरियस हो जाओ। तुम मेरे दोस्त हो, तुम सीरियस की बात मत करो। पुरानी बातें करो, अच्छी बातें करो, मज़े की बातें करो।”
कबीर ने कहा कि यह एक ट्रैजेडी थी कि राजीव की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा, “वह एक अच्छे इंसान थे। वह बदला लेने वाले नहीं थे, वह बहुत साफ-सुथरे इंसान थे।” राजीव की 1991 में 46 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी।