कश्मीर में लगातार टारगेट किलिंग हो रही है, हिन्दुओं और अन्य राज्यों के मजदूरों को निशाना बनाकर गोली मारी जा रही है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि कश्मीर में पैदा हुए हालात के लिए मोदी सरकार की नीतियां और फिल्म द कश्मीर फाइल्स जिम्मेदार है। पत्रकार शेखर गुप्ता ने भी जब यही बात कही तो फिल्म के डायरेक्टर भड़क गये।
विवेक अग्निहोत्री ने शेखर गुप्ता का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह कह रहे हैं कि कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग का एक बड़ा कारण यह भी है कि कश्मीर फाइल्स फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई कि पहले की सरकारें कमजोर थी, कश्मीरी पंडितों को नहीं बचा पाई और अब तो मोदी जी की सरकार है। ऐसे में आतंकियों को मौका मिला कि वह सरकार को चैलेंज करें कि हम भी पंडितों को मरेंगे और देखते हैं कि बचा पाते हो या नहीं।
वीडियो शेयर करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने लिखा कि ‘अरे शेखर गुप्ता आप इस बेतुके तर्क पर किस आधार पर पहुंचे? केमिस्ट बिंदू और प्रिंसिपल कौर की 21 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी, TheKashmirFiles को 22 मार्च को रिलीज़ किया गया था। आप एक पत्रकार के रूप में कश्मीर नरसंहार की रिपोर्टिंग करने में विफल रहे और अब आतंकवादियों के प्रवक्ता की तरह बात कर रहे हैं।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: चंदन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यह बहुत दुःख की बात है शेखर गुप्ता जी कि आप जैसे बुद्धिजीवी लोग एकजुट होकर हिंसा के खिलाफ आलोचना करने के बजाय आतंक को महिमामंडित करते हैं।’ रामपाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विवेक जी आपको नूपुर के एपिसोड के बाद और सावधान रहना चाहिए।’
ईश्वर झा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्या आप एक राजनीतिक विश्लेषक हैं? गलतियों की निंदा करने का साहस रखें और तर्क और तथ्य के आधार पर फिल्म की आलोचना करें। आप अतीत में अपनी चुप्पी को सही ठहराने की कोशिश करते हैं लेकिन बुरी तरह विफल हो जाते हैं। कम से कम अब तो आप आईने के सामने खुद से बात करने की कोशिश करें।’ शिव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘शक तो हो रहा है कि कहीं ये चाचा की भी मारने वाले संगठन से तो मिली भगत तो नहीं है?
बता दें कि कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स में गलत तथ्यों को दिखाने का आरोप लगा है। जम्मू-कश्मीरी के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने भी कहा था कि अगर कश्मीर में टारगेट किलिंग को रोकना है तो पहले सरकार को कश्मीर फाइल्स फिल्म पर बैन लगाना चाहिए।