कोई भी त्योहार गानों के बिना अधूरे हैं और आज जीतिया का पर्व मनाया जा रहा है तो ऐसे में बिना गीत ये त्योहार कैसे पूरा हो सकता है। इस खास दिन पर मां अपने बच्चों के लिए व्रत रखती है और उनके अच्छे स्वस्थ, लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। इसी से जुड़े कुछ गीत इस मौके पर हमा आपको बताने जा रहे हैं, जो खास इस दिन के लिए बने हैं।
किरण सिंह और उजाला उपाध्याय का भक्ति वाला गाना जिसका नाम ही भोजपुरी ‘जितिया गीत’ गीत है, इस वक्त इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। ये भोजपुरी के सबसे लोकप्रिय धार्मिक मंत्रमुग्ध कर देने वाले गीत में से एक है।
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‘जुग जुग जिए मोर बबुआ दुलरुवा’ जीतिया गीत भी काफी मशहूर है। इसे अमृता दीक्षित ने गाया है और यूट्यूब पर इसे 7 लाख से अधिक बार देखा गया है। इस गीत को आप ऑनलाइन भी सुन सकते हैं, वरना इसे आप गा भी सकते हैं। इसके लिरिक्स हैं-
जुग जुग जिए मोर
जुग जुग जिए मोर बबुआ दुलरुवा
जिउत वहांन देवता से करब हम अरजिया
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…(x2)
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला
तीन दिन के होला सखी पावन परबिया
न खाये उपवास पारण के बा बिधिया
आशीन अनहरिया के अस्टमी तिथि के
जीवतिया पुजाला निरजल व्रत रख के
सासु जी से पूछब
सासु जी से
सासु जी से पूछब कुल व्रत के नियमिया…(x३)
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…(x2)
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला
सप्तमी के दिने होला गंगा आसन्नवा
नवनि संग मडवा वर्ती खाये एहि दिनवा
नेनुवाके पातपर पुवा पकवनवा
चील सियारिन दिहल जाला भोगवा
गोतनि सग करब हम
गोतनि सग
गोतनि सग करब हम
भोर में सरगहिया
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…(x2)
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला
लव कुश पुजला सखी अष्टमी के संझिया
कथा सुनीली बूढ़ होके चाहे कन्या
नवमी के भोर होला पारण के दिनवा
कांडा गिराउके बनेला भोजनवा
सईया से मगाइब हम
उत्तम जी से
खुसबू मगाइये सोने के जिउतिया
ऐ हो सखी भुखीब
ऐ हो सखी भुखीब
जितिया के परबिया…(x2)
बड़ा भारी होला सखी जितिया के बरतिया
बड़ा भारी होला…
ये भी है भजन
‘जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो’ ये गीत भी जीतिया पर बहुत सुना और गाया जाता है। अगर आप दूसरा गीत भी सुनना या गाना चाहते हैं तो इसके लिरिक्स पढ़ें।
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
तोहरा प बाबू कबहू आचना आए
अचरा के फुलवा कबो ना मुरझाए
तोहरा प बाबू कबहू आचना आए
अचरा के फुलवा कबो ना मुरझाए
तोहरो जीनगीया के दिही सवार हो
जिऊत वाहन देव अर्जी करीह स्वीकार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
चंदा जैसन चमके ई मुखड़ा तोहार हो
जुग जुग जिय ए बबुआ हमार हो
हमरो दुलरवा के नजरों ने लागे