80 से 90 के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस रहीं जया प्रदा (Jaya Prada) पिछले कुछ दिनों से अपने पुराने मामले को लेकर चर्चा में हैं। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान जया प्रदा पर अचार संहिता उलंघन के दो मामले दर्ज कराए गए थे। उनके दोनों मामले रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहे थे। इस केस में सुनवाई के लिए कोर्ट की ओर से एक्ट्रेस को बार-बार बुलाया गया था। लेकिन, वो हाजिर नहीं हुईं तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था। करीब 7 बार वारंट जारी होने के बाद भी पेश नहीं हुईं तो उन्हें अदालत की ओर से फरार घोषित कर दिया गया। ऐसे में अब वो खुद ही कोर्ट में पेश हुई हैं। लेकिन, क्या आपको पता है एक्ट्रेस का विवादों से पुराना नाता रहा है। चलिए बताते हैं इन विवादों के बारे में…
जया प्रदा का असली नाम ‘ललिता रानी’ था। फिल्मों में आने के बाद एक्ट्रेस ने अपना नाम बदल लिया था और वो ललिता रानी से जया प्रदा बन गईं। उन्होंने तेलुगु समेत 5 अलग-अलग भाषाओं में 150 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन दिनों वो थोड़े समय में ही इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा फीस चार्ज करने वाली अभिनेत्री बन गई थीं। इसी दौरान वो इनकम टैक्स विभाग की रडार पर भी आ गई थीं। ये उनकी जिंदगी में किसी बड़े तूफान से कम नहीं था। इस मुश्किल घड़ी में उनकी प्रोड्यूसर श्रीकांत नाहटा ने उनकी सबसे ज्यादा मदद की थी।
जब 3 बच्चों के पिता पर आया एक्ट्रेस का दिल
इनकम टैक्स विवाद में श्रीकांत नाहटा ने उनकी सबसे ज्यादा मदद की थी। उन्होंने एक्ट्रेस को इमोशनली काफी सपोर्ट किया था। इस दौरान धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए थे। श्रीकांत पर जया प्रदा दिल हार चुकी थीं। जब दोनों ने शादी का फैसला किया तो काफी बवाल मचा था। क्योंकि प्रोड्यूसर पहले से ही शादीशुदा और 3 बच्चों के पिता थे। 1986 में दोनों ने शादी की थी। बताया जाता है कि श्रीकांत ने जया से शादी कर तो ली थी मगर पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया था। इसकी वजह से एक्ट्रेस को ‘दूसरी महिला’ का टैग मिल गया था।
नहीं मिला खुद की संतान का सुख
इतना ही नहीं जया प्रदा ने भले ही श्रीकांत से शादी की थी। मगर, वो सारी जिंदगी अकेली रही हैं। उन्हें अपने बच्चे का सुख नहीं मिला है। ऐसे में जया प्रदा ने बच्चे की कमी को दूर करने के लिए बहन के बेटे सिद्धार्थ को गोद ले लिया था।
वहीं, अगर एक्ट्रेस के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो फिल्मों से दूरियां बनाने के बाद जया प्रदा ने राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने साल 1994 में ‘तेलुगू देशम पार्टी’ ज्वॉइन की थी। साल 1996 में वो राज्यसभा सांसद बनी थीं। इसके बाद जब उन्हें फिर से राज्यसभा के लिए नामित नहीं किया गया तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद 2004 में एक्ट्रेस ने समाजवादी पार्टी ज्वॉइन की। फिर 2004 से 2014 तक रामपुर की सांसद बनी रहीं। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ीं लेकिन इस बार हार मिली।