पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक व मशहूर विचारक तारिक फतेह को ‘द प्रिंट’ ने अपने एक आर्टिकल में फेक न्यूज का पेडलर बताया है। लेख में उनके कई ट्वीट के हवाले से लिखा गया है कि तारिक फतेह भारतीय मुस्लिमों को टारगेट करते हैं और उनके बारे में फेक न्यूज फैलाते हैं।
द प्रिंट के इस लेख के लिंक को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा करते हुए बॉलीवुड के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने एक बार फिर तारिक फतेह पर निशाना साधा है। जावेद अख्तर ने लेख को रुचिकर बताते हुए लिखा, दुख इस बात का है कि कुछ लोग इन्हें अपना हीरो और प्रवक्ता मानते हैं। जावेद अख्तर के तारिक पर निशाना साधने के बाद ट्विटर यूजर्स की भी पोस्ट पर खूब प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
एक यूजर ने लिखा, बहुत सी बातें अच्छी हैं, लेकिन मनुवादी मानसिकता के अधिकांश लोग प्रभावित हैं। वहीं एक ने आईएएस संजय दीक्षित के वीडियो के जरिए जावेद पर निशाना साधते हुए लिखा, संजय दीक्षित ने अपने एक वीडियो सीरीज में आपको सही उजागर किया है। लोगों से अपील करते हुए यूजर ने लिखा कि दोस्तों प्लीज वीडियो देखिए और पार्ट टाइम नास्तिक जावेद चच्चा और 1857 के दौरान लड़े गए उनके पूर्वजों की वास्तविकता को जानिए।
एक ने लिखा- तारिक फतेह उनके हीरो हैं वह इस्लाम की बुराईयों को सामने लाते हैं जो अपने फायदे के लिए इस्लाम की गलत व्याख्या करते हैं। इसका जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा कि आपके हिसाब से पाकिस्तानी आपके हीरो हैं। और हम भारतीय आपके दुश्मन। कुछ शर्म है। अंधभक्त।
@TarekFatah is a hero as he is voicing out evils of #Islam or how people have interpreted #Islam for their own benefit?
— #IndiaFirst (@kossireddi) August 9, 2020
इसके साथ ही जावेद अख्तर को जवाब देते हुए डॉ. कीटाणु किलर नाम के यूजर ने लिखा, इससे भी बड़े दुख की बात है कि कुछ लोग भारत में रहकर भारत को तोड़ने की बात करते हैं और उससे भी बड़ी दुख की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं।
इससे भी बड़ी दुख की बात है कि कुछ लोग भारत में रहकर भारत को तोड़ने की बात करते हैं और उससे भी बड़ी दुख की बात है सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर फैसले को मानने को तैयार नहीं है
— डॉ. कीटाणु किलर (@KitanuKiller) August 9, 2020
एक अन्य ने लिखा, लेकिन जावेद अख्तर जब कोरोना पर बोले तो उन्हें वैज्ञानिक मान लीजिए अगर इतिहास और राजनीति पर टिप्पणी करें तो इन्हें टपोरी शायर की जगह विश्लेषक मान लीजिए। अभी जावेद जी जब सुशांत के मर्डर पर भी कुछ बोलेगे तब ये FBI के डायरेक्टर बन जाएंगे। 3.5 वर्ष की उम्र में सीधे JNU चले गए थे पढ़ने। एक ने लिखा, धोबी का कुत्ता घर का ना घाट का।
लेकिन जावेद अख्तर जब कोरोना पर बोले तो उन्हे वैज्ञानिक मान लीजिए
अगर इतिहास और राजनीति पर टिप्पणी करे तो इन्हे टपोरी शायर की जगह विश्लेषक मान लीजिए
अभी जावेद जी जब सुशांत के मर्डर पर भी कुछ बोलेगे तब ये FBI के डायरेक्टर बन जाएंगे
3.5 वर्ष की उम्र में सीधे JNU चले गए थे पढने
— संजय कुमार (@SanjayK11381023) August 9, 2020
गौरतलब है कि द प्रिंट ने तारिक फतेह के साल 2017 और 2020 के ट्वीट का हवाला दिया है। इसके मुताबिक उन्होंने एक ही वीडियो अलग-अलग मौकों पर फेक न्यूज फैलाने के लिए इस्तेमाल किया है। शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी को लेकर चल रहे प्रोटेस्ट के दौरान तारिक ने बॉलीवुड गाने पर बुर्के में मुस्लिम महिला के नाचने का वीडियो ट्वीट किया था और पूछा था कि क्या कोई पुष्टि कर सकता है कि यह वीडियो शाहीन बाग में चल रहे CAA और NRC प्रोटेस्ट का है या नहीं?
बता दें, तारिक फतेह ने यही वीडियो साल 2017 में मई और अगस्त महीने में फेक न्यूज फैलाने के लिए किया था और साल 2020 में शाहीन बाग में किए गए प्रोटेस्ट पर सवाल खड़े करने के लिए भी किया।