भारत के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है। इस बीच पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की भारतीय फिल्म अबीर-गुलाल के गाने यूट्यूब से हटा दिए गए, वहीं दिलजीत दोसांझ की फिल्म से हानिया आमिर को बाहर कर दिया गया है।
पाकिस्तानी कलाकारों के बैन को लेकर जब जावेद अख्तर से पूछा गया तो उन्होंने क्या कहा, आइए जानते हैं:
“सबसे पहला सवाल यह होना चाहिए कि क्या हमें पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में आने देना चाहिए। इसके दो जवाब हैं, और दोनों ही अपने-अपने तरीके से सही हैं।
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यह हमेशा से एकतरफा रहा है- नुसरत फतेह अली खान, मेहदी हसन, गुलाम अली, नूरजहां भारत आए, और हमने उन्हें बहुत अच्छा स्वागत दिया। फैज़ अहमद फैज़, जो पूरे उपमहाद्वीप के बड़े शायर हैं, मैं उन्हें पाकिस्तानी शायर नहीं कहूंगा – जब वो अटल बिहारी वाजपेयी जी के शासनकाल में भारत आए थे, तो उन्हें एक स्टेट हेड जैसा सम्मान मिला। सरकार ने उन्हें बहुत इज्ज़त दी।
मुझे डर है कि पाकिस्तान ने कभी इस तरह से जवाब नहीं दिया। मेरा पाकिस्तान के लोगों से कोई गिला नहीं है। पाकिस्तान के बड़े शायरों ने लता मंगेशकर के लिए गीत लिखे हैं। लता जी 60-70 के दशक में भारत और पाकिस्तान, दोनों जगह सबसे लोकप्रिय कलाकार थीं। लेकिन फिर भी उन्होंने कभी पाकिस्तान में एक भी परफॉर्मेंस नहीं दी। उन्हें कभी वहां परफॉर्म करने का मौका नहीं मिला।
मुझे लोगों से शिकायत नहीं है, क्योंकि लोग उन्हें प्यार करते थे। वहां के शायर लता जी के लिए गीत लिख रहे थे। मैं सिस्टम से शिकायत करता हूं — वहां कुछ अड़चन थी, जो मैं नहीं समझता। यह सब एकतरफा रहा है। ये बात तो ठीक नहीं है, तुम्हारी तरफ से तो हमें रिस्पॉन्स मिलता नहीं, ये सब कब तक चलेगा?
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दूसरा पक्ष भी उतना ही सही है – अगर हम पाकिस्तानी कलाकारों को रोकते हैं, तो हम पाकिस्तान में किसको खुश कर रहे हैं? सेना और कट्टरपंथियों को? यही तो वे चाहते हैं – दूरी बनाना। यह उनके ही फायदे की बात है।
भारत और पाकिस्तान के बीच वो लंबी दीवार खड़ी करना चाहते हैं, जिससे वहां के लोगों को कभी पता न चले कि भारत के नागरिकों को किस तरह की आज़ादी मिलती है। क्योंकि यहां से पाकिस्तानी कलाकार वापस जाएंगे तो बताएंगे कि भारत में किस तरह से लोगों को मौका और प्रिविलेज मिलता है।
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तो क्या हम उन्हें खुश कर रहे हैं उन्हें बैन करके? क्या हम उनकी मदद कर रहे हैं? ये भी सवाल है। दोनों सवाल सही हैं। लेकिन इस वक्त, जो कुछ भी हुआ उसके बाद ये तो टॉपिक भी नहीं होना चाहिए। पहलगाम में जो भी हुआ, उसके बाद ये सब सोचने का मतलब भी नहीं। इस वक्त ये सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए।”
इससे पहले जावेद अख्तर ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया था। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“चाहे कुछ भी हो, चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े, चाहे जो भी परिणाम हों, पहलगाम के आतंकवादियों को बचकर भागने नहीं दिया जा सकता। इन सामूहिक हत्यारों को अपने अमानवीय कृत्यों का भुगतान जान देकर करना होगा।”
इस पोस्ट पर एक यूज़र ने जावेद अख्तर को ट्रोल करने की कोशिश की, जिस पर वे भड़क गए और जवाब दिया: “तेरी औकात क्या है?” यहां क्लिक करके आप पूरी खबर पढ़ सकते हैं।