15 अगस्त को हर सच्चा देशभक्त स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा था, इसी बीच गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने भी भारतवासियों को इस दिन की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया और एक यूजर ने कमेंट करते हुए उन्हें कहा उनका स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को होता है। इसके बाद जावेद अख्तर ने उस यूजर को करारा जवाब देते हुए फटकार लगाई।
क्या था जावेद का ट्वीट?
जावेद अख्तर ने लिखा था, “मेरे सभी भारतीय बहनों और भाइयों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि ये आजादी हमें थाली में परोसी नहीं गई। आज हमें उन लोगों को याद करना चाहिए और उन्हें सलाम करना चाहिए जो हमें आजादी दिलाने के लिए जेल गए और जो फांसी पर चढ़ गए। आइए हम ये सुनिश्चित करें कि हम इस अनमोल तोहफे को कभी न गंवाएं।”
यूजर का कमेंट
गोलमाल नाम के ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया, “आपका स्वतंत्रता दिवस तो 14 अगस्त को है ना।” जावेद ने कमेंट करते हुए लिखा, “बेटा जब तुम्हारे बाप दादा अंग्रेज के जूते चाट रहे थे, मेरे बुजुर्ग देश की आजादी के लिए काला पानी में मर रहे थे। अपनी औकात में रहो।” जावेद ने एक और कमेंट किया, “गद्दार वो हैं जो असहयोग और भारत छोड़ो आंदोलन के खिलाफ थे। गद्दार वो हैं जिन्होंने जितना हो सका अंग्रेजों की मदद की। गद्दार वो हैं जो हमारे संविधान और तिरंगे के खिलाफ थे। ये पता लगा कर वो कौन था अपनी जिहालत थोड़ी सी कम करलो।”
क्या है ग्रोक की राय?
जावेद अख्तर की पोस्ट पर चल रही बहस के बीच ग्रोक से भी सवाल किया गया, जिसके जवाब में लिखा है, “जावेद अख्तर के परदादा, फ़ज़ल-ए-हक़ खैराबादी ने 1857 के विद्रोह में सक्रिय रूप से भाग लिया था और अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद का फतवा जारी किया था। उन्हें काला पानी की आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, उन्होंने अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए दया याचिकाएँ दायर कीं (जो खारिज कर दी गईं), और 1861 में वहीं उनकी मृत्यु हो गई। स्वतंत्रता संग्राम में उनके परिवार की भागीदारी के प्रमाण मौजूद हैं।”