CineGram: सिल्वर स्क्रीन पर अपनी दमदार परफॉर्मेंस से दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ने वाले इरफान खान भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। चार साल पहले 29 अप्रैल 2020 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था, मगर उनके फैंस उन्हें भूल नहीं पाए हैं। भारत से लेकर दुनियाभर में मशहूर हुए इरफान खान कभी टेक्नीशियन हुआ करते थे, उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वो इतने बड़े स्टार बन जाएंगे। खुद इरफान खान ने इसके बारे में बताया था, दरअसल वो क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन काम वो टेक्नीशियन का करते थे। इस सफर में उनकी मुलाकात राजेश खन्ना से हुई और उनकी किस्मत बदल गई।
टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में इरफान खान ने बताया था कि वो क्रिकेटर बनना चाहते थे। लेकिन पैसों की कमी के कारण वो अपना सपना पूरा नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने एनएसडी में एक्टिंग सीखने के लिए दाखिला लिया और अपने खर्चे पूरे करने के लिए टेक्नीशियन का काम करने लगे। इस बीच उन्हें राजेश खन्ना के घर का एसी ठीक करने का मौका मिला और उसी दिन से उन्होंने ठान लिया वो एक्टर ही बनेंगे। इरफान ने बताया कि जब वो राजेश खन्ना के घर गए और उनसे मिले तो उन्होंने मन बना लिया कि अब वो अभिनेता बनकर रहेंगे।
इसके बाद उन्होंने 1987 में NSD से ग्रेजुएशन की और काम की तलाश शुरू कर दी। फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ से एक्टिंग डेब्यू किया था, इसमें उनका रोल बहुत छोटा था और उसे भी फाइनल कट में हटा दिया गया था, इसके बाद 1990 में ‘एक डॉक्टर की मौत’ फिल्म में उन्हें रोल मिया। फिर उन्होंने दूरदर्शन के ‘लाल घास पर नीले घोड़े’ नाम के ड्रामा में काम किया और साल 1989 में उनकी और रूपा गांगुली की फिल्म ‘कमला की मौत’ आई। उन्होंने ‘भारत एक खोज’, ‘चाणक्य’, ‘चंद्रकांता’, ‘सारा जहां हमारा’, ‘बनेगी अपनी बात’ और संजय खान के धारावाहिक ‘जय हनुमान’ में भी काम किया था।
इरफान खान ने टीवी से लेकर फिल्मों तक में काम किया। लोग उनकी एक्टिंग के साथ-साथ उनकी आंखों के कायल थे, क्योंकि कहा जाता था कि उनकी आंखें बोलती हैं। टीवी और बॉलीवुड के अलावा उन्होंने हॉलीवुड में भी काम किया था। इरफान खान ने ‘द अमेज़िंग स्पाइडर-मैन’, ‘लाइफ ऑफ पाई’, ‘जुरासिक वर्ल्ड’ और ‘इन्फर्नो’ में काम किया था।
बॉलीवुड फिल्मों की बात करें तो इरफान ने 30 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया था। जिनमें ‘रोग’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘पीकू’, ‘हिन्दी मीडियम’, ‘हैदर’, ‘द वारियर’, ‘मकबूल’, ‘हासिल’, ‘द नेमसेक’ शामिल हैं।