अभिनेता, निर्माता और निर्देशक मनोज कुमार उर्फ भारत कुमार फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जाने जाते हैं। वो न केवल अच्छे एक्टर बल्कि बहतरीन प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी रहे हैं। मनोज कुमार ने अपने कॅरियर की शुरुआत रोमांटिक हीरे के रूप में की थी, लेकिन कुछ सालों बाद ही वो अपनी देशभक्ति से भरी फिल्मों के लिए मशहूर हो गए।
उन्होंने नया दौर और क्रांति जैसी कई फिल्में बनाईं। उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो इंदिरा गांधी और सलीम जावेद का जिक्र करते हुए फिल्म इमरजेंसी की बात कर रहे हैं।
ऐसी थी सलीम-जावेद से दोस्ती
मनोज कुमार ने बताया कि वो फिल्म ‘नया भारत’ बना रहे थे और ये फिल्म उन्हें जल्दी बनानी थी। इंदिरा गांधी ने उन्हें इमरजेंसी पर एक फिल्म बनाने को कहा था। तो उन्होंने सलीम जावेद को साइन किया था। उन्होंने सलीम जावेद को कहानी लिखने को कहा था और वो डायलॉग खुद लिखने वाले थे। उन्होंने कहा कि सलीम जावेद केवल उनके पहचान वाले या जिगरी दोस्त ही नहीं, उनके सगे भाईयों से बढ़कर हैं। हालांकि इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि फिल्म ड्रॉप हो गई।
उन्होंने बताया कि वो उनके बहुत करीब थे। उन्होंने फिल्म क्रांति के वक्त भी उनके लिए कहानी लिखी थी, लेकिन रिलीज के कुछ दिन पहले ही अपना नाम हटवा दिया था। उन्होंने कह दिया था कि फिल्म में उनका कोई हाथ नहीं है, जो काम किया है मनोज कुमार ने ही किया है।
उन्होंने दिलीप कुमार की तारीफ करते हुए बताया कि वो दिलीप कुमार को बहुत सम्मान देते हैं। मनोज कुमार ने कहा,”दिलीप साहब मेरे लिए बहुत महान हैं कि मैं उन्हें नाम से नहीं पुकारता। मैं एक फ्रंटियर की भाषा में उन्हें हांजीओ बुलाता हूं।”
बता दें कि मनोज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत बतौर एक्टर फिल्म ‘फैशन’ से की थी। फिल्म में उन्होंने 80 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था। इस फिल्म के पूरे 3 साल बाद उन्हें अगली फिल्म मिली, जो थी ‘कांच की गुड़िया’। इस फिल्म में मनोज मुख्य किरदार में थे। इसके बाद मनोज कुमार ने कई यादगार फिल्में कीं। इनमें ‘पिया मिलन की आस’, ‘हरियाली और रास्ता’, ‘शहीद’, ‘वो कौन थी’, दो बदन’, ‘हिमालय की गोद में’, ‘गुमनाम’ और ‘सावन की घटा’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘यादगार’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बलिदान’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी कई फिल्में की।