India’s Got Latent Row: मशहूर यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया इन दिनों सुर्खियों में हैं, वह ‘India’s Got Latent’ नाम के शो में बतौर गेस्ट शामिल हुए थे वहां उन्होंने कुछ अश्लील सवाल एक कंटेस्टेंट से पूछे थे जिसके बाद विवाद शुरू हो गया। इस मामले में अलग-अलग राज्यों से कई शिकायतें दर्ज हुई हैं। रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मखीजा और आशीष चंचलानी के साथ शो के होस्ट समय रैना के खिलाफ भी जांच चल रही है।
भारत में पब्लिक पर्सनैलिटीज के कमेंट्स या कृत्यों को अश्लील ठहराने के मामलों का इतिहास पुराना है। खासकर जब बात डिजिटल सामग्री की होती है, तो यह मुद्दा और भी ज्यादा अहम हो जाता है। आइए जानते हैं कि भारत में अश्लीलता से संबंधित कानून क्या हैं और अदालतें इसे कैसे समझती हैं।
ऑनलाइन कंटेंट में अश्लीलता के खिलाफ कौन से कानून हैं?
भारत में अश्लीलता के खिलाफ दो मुख्य कानून हैं:
- भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 294- इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति अश्लील सामग्री बेचता, दिखाता, प्रचार करता या किसी और तरीके से वितरित करता है, तो उसे सजा हो सकती है। यह कानून ऑनलाइन अश्लील सामग्री को भी शामिल करता है। अगर कोई सामग्री बहुत ज्यादा यौन आकर्षक (lascivious) और समाज को खराब करने वाली मानी जाती है, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है। पहले बार दोषी पाए जाने पर, उस पर दो साल तक की सजा और 5000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67- इस कानून के तहत ऑनलाइन अश्लील सामग्री को प्रसारित करने पर कड़ी सजा दी जाती है। इसमें वही परिभाषा दी गई है जो भारतीय दंड संहिता की धारा 294 में दी गई है। हालांकि इस कानून में सजा कड़ी है, क्योंकि इसमें पहली बार दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
अश्लीलता के बारे में अदालतों का दृष्टिकोण
भारत में अश्लीलता से संबंधित कानूनों की शुरुआत ‘लैडी चटरलीज़ लवर्स’ नामक किताब के मामले से हुई थी। इस किताब को 1964 में अश्लील माना गया था, और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था। उस समय अदालत ने ब्रिटेन के एक मामले Queen v. Hicklin (1868) से “हिकलिन परीक्षण” अपनाया। इस परीक्षण के अनुसार, किसी भी किताब या कंटेंट को अश्लील माना जाता था अगर वह कमजोर मानसिकता वाले लोगों, जैसे बच्चों को भ्रष्ट कर सकती थी।
हालांकि, जैसे-जैसे समाज में बदलाव आए, वैसे-वैसे अश्लीलता का मूल्यांकन करने का तरीका भी बदला। ब्रिटेन में 1959 में Obscene Publications Act पारित हुआ, जिसके तहत यह तय किया गया कि किसी भी कंटेंट को “सम्पूर्ण रूप से” देखा जाए, न कि केवल उसकी कुछ बातों को लेकर उसे अश्लील माना जाए। इसके बाद, अमेरिका में 1957 में Roth v. United States केस में सुप्रीम कोर्ट ने “समुदाय मानक” (community standards) को अपनाया। इसके तहत, यह देखा जाता था कि किसी कंटेंट का समाज पर क्या असर पड़ता है और क्या वह औसत व्यक्ति के लिए अश्लील मानी जा सकती है।
भारत में भी 2014 में Aveek Sarkar v. State of West Bengal मामले में सुप्रीम कोर्ट ने “समुदाय मानक” परीक्षण अपनाया। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि किसी कंटेंट को पूरी तरह से देखा जाना चाहिए और उसे केवल कुछ अलग-अलग हिस्सों से नहीं आंकना चाहिए।
क्या अदालतों ने ऑनलाइन अश्लीलता के मामलों पर फैसला दिया है?
हाल ही में, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज रोमांस नाम की वेब सीरीज के खिलाफ चल रहे मामलों को रद्द कर दिया। इस शो में कुछ गाली-गलौच और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन कोर्ट ने इसे अश्लील नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि अश्लीलता का मतलब सिर्फ गाली-गलौच या अभद्र भाषा से नहीं होता। यह देखा जाता है कि क्या कंटेंट यौन भावनाएं उत्पन्न करती है या नहीं। कोर्ट ने “समुदाय मानक” परीक्षण अपनाते हुए कहा कि इन शब्दों का इस्तेमाल गुस्से, दुख, या उत्साह जैसे भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया गया था, न कि यौन भावनाओं को उत्पन्न करने के लिए।
रणवीर इलाहाबादिया के मामले में क्या हो सकता है?
रणवीर इलाहाबादिया के मामले में यह देखा जाएगा कि उनकी टिप्पणी केवल अभद्र और गाली-गलौच वाली थी, या उन्होंने दर्शकों में यौन भावनाएं उत्पन्न की। कोर्ट को पूरे शो को ध्यान में रखकर फैसला करना होगा। अगर टिप्पणी केवल गाली-गलौच की भाषा थी, तो इसे अश्लील नहीं माना जाएगा। लेकिन अगर यह दर्शकों में यौन भावनाओं को जगाती है, तो यह अश्लील माना जा सकता है। इस केस में कोर्ट को यह भी देखना होगा कि यह कंटेंट किस तरह के दर्शकों के लिए था और क्या यह समाज के सामान्य मानकों के अनुरूप था। अंत में, अदालत को ये भी देखेगी क्या रणवीर के कमेंट्स से दर्शकों पर कोई निगेटिव इम्पैक्ट पड़ा है?
रणवीर इलाहाबादिया ने क्या कहा था?
समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में इस हफ्ते गेस्ट के तौर पर रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मखीजा और आशीष चंचलानी शामिल हुए थे। शो के एक कंटेस्टेंट से रणवीर इलाहाबादिया ने वाहियात सवाल किए थे। एक सवाल तो माता-पिता को लेकर था जो काफी अश्लील था। वहीं रणवीर ने एक अश्लील कृत्य करने के लिए कंटेस्टेंट को 2 करोड़ भी ऑफर किए थे। देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर रणवीर को बहुत ट्रोलिंग झेलनी पड़ी।
रणवीर इलाहाबादिया ने मांगी माफी
विवाद बढ़ा तो रणवीर इलाहाबादिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके माफी मांग ली है। रणवीर ने कहा कि कॉमेडी करना उनकी खासियत नहीं है और जो उन्होंने कहा वो अनुचित था और फनी भी नहीं था। रणवीर ने कहा कि वो कोई सफाई नहीं देना चाहते हैं बस माफी मांग रहे हैं। यहां क्लिक करके आप रणवीर का माफी वाला वीडियो देख सकते हैं।