कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अभी भी मतभेद जारी है। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार किसी तरह की गलतफहमी में न रहे। किसान अपनी फसल जला देंगे अगर जल्दबाजी की गई तो। उन्हें लगता है  किसान अपनी फसल काटने के लिए आंदोलन से लौट जाएंगे। हरियाणा की एक रैली में टिकैत ने कहा कि अगर जबरदस्ती की गई, तो किसान अपनी फसल जला देंगे।

ऐसे में आजतक के रिपोर्टर ने राकेश टिकैत से एक सवाल किया। राकेश टिकैत से सवाल किया गया कि पंचायत में जाते हैं तो आपका रंग थोड़ा बदल जाता है? इस पर राकेश टिकैत ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा- गांव के लोग कह रहे हैं, ये आंदोलन चलेगा। जो मीडिया और सरकार है वह ये कह रही है कि दो महीने में आंदोलन खत्म हो जाएगा। किसानों की फसल कटाई हो जाएगी। पर किसानों ने भी कह दिया कि फसल की कटाई भी होगी, फसल को आधे रेट पर देना होगा तो वो भी देंगे, जलाना पड़े तो फसल को जलाएंगे भी। आंदोलन तो चलेगा सरकार गलतफहमी में है, उनकी भाषा बोल रहा हूं।’

राकेश टिकैत ने आगे कहा- ‘फसलें अगर नुकसान में भी काटनी पड़ी तो नुकसान में काटेंगे। किसानों को खेत में भी काम करना है। आंदोलन भी चलना है, भीड़ भी कम न हो। अपनी फसल की भी कटाई हो कोशिश है।’

बता दें, किसानों को अपना आंदोलन चलाते तीन महीने होने को हैं। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है। अभी तक सरकार के साथ किसानों की 11 दौर की बात हो चुकी है। टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों से किसान व खेती किसी का भला नहीं होगा। आने वाला समय भूख के हिसाब से फसल की कीमत तय करने वाला होगा।

सरकार के तीनों कृषि कानून लागू हुए तो भूख पर व्यापार का होगा। उनका कहना था कि लड़ाई को तोड़ने व कमजोर करने के लिए किसानों को हरियाणा, पंजाब, यूपी और जाति के भेद पर बांटने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन सारे किसान एकजुट हैं।