बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में सोनू सूद ने बीएमसी द्वारा भेजे गए अवैध निर्माण के नोटिस को चुनौती दी थी। सोनू और उनकी पत्नी सोनाली ने सिविल कोर्ट से राहत ना मिलने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था।
सोनू सूद के वकील अमोघ सिंह ने ने बीएमसी के ऑर्डर का अनुपालन करने के लिए 10 हफ्ते का समय मांगा था और डिमोलिशन पर रोक की भी मांग की थी। जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण की सिंगल बेंच ने बीएमसी के नोटिस के आधार पर कोई एक्शन ना लेने की याचिका को भी खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा,’अब गेंद बीएमसी के पाले में हैं। आप बहुत देरी से आए हैं आपके पास पर्याप्त समय था और कानून भी मेहनती लोगों का साथ देता है।’ वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट में सोनू सूद के वकील अमोघ सिंह ने इमारत में कोई अवैध निर्माण नहीं होने की बात कही।
पिछले साल 27 अक्टूबर को बीएमसी ने महाराष्ट्र रीजनल एंड टाउन प्लैनिंग एक्ट के सेक्शन 53(1) के तहत सोनू सूद और उनकी पत्नी सोनाली को नोटिस देते हुए प्रॉपर्टी को ओरिजिनल प्लान के तहत रिस्टोर करने के लिए एक महीने का समय दिया था।
कुछ दिन पहले बीएमसी (BMC) ने हाईकोर्ट में कहा था कि एक्टर सोनू सूद आदतन कानून तोड़ने के आदी हैं। बीएमसी ने एक्टर पर आरोप लगाया था कि सोनू सूद ने 6 मंजिला अपने घर ‘शक्ति सागर’ बिल्डिंग को होटल में तब्दील किया था। ऐसे में सोनू सूद के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था।
लॉकडाउन में की प्रवासी मजदूरों की मदद : अब तक फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने वाले सोनू सूद कोरोना लॉकडाउन के दौरान असली हीरो साबित हुए। कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर सोनू सूद खूब चर्चा में रहे थे । देशभर में उनकी इस पहलकदमी को खूब सराहा गया था। कोरोना महामारी के दौरान सोनू सूद ने कई हजार प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया था। उन्होंने शहरों में फंसे मजदूरों को अपने खर्चे पर उनके घर सुरक्षित पहुंचाया था। इसके बाद सोनू सूद ने सोशल मीडिया पर खूब तारीफें बटोरी थीं।