किसान आंदोलन को लेकर राजनीति गरमाती जा रही है। केंद्र सरकार और किसान संगठन के नेताओं के बीच पहले दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया। सभी टीवी चैनल्स किसान आंदोलन को खूब कवर कर रहे हैं। जी न्यूज़ पर सुधीर चौधरी भी अपने प्राइम टाइम शो में लगातार किसान आंदोलन का विश्लेषण कर रहे हैं। सुधीर चौधरी ने डीएनए में कहा,’हमने आपको सिंघु बॉर्डर पर खड़े ट्रैक्टर की तस्वीरें दिखाई थीं जिसपर खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लिखा हुआ था। जब जी न्यूज़ की टीम ने ट्रैक्टर को लेकर सवाल किया तो हमारा विरोध हो गया।’
जी न्यूज़ पर डीएनए में सुधीर चौधरी ने कहा,’इस आंदोलन को हाईजैक करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसमें वो लोग भी शामिल हो रहे है जो आपको याद होगा नए नागरिकता कानून का विरोध कर रहे थे, जो शाहीन बाग में लगातार धरने पर बैठे हुए थे। हमारे देश में जहां-जहां भी देश विरोधी ताकतें सक्रिय हो जाती हैं वहां-वहां जी न्यूज़ की एंट्री बंद हो जाती है क्योंकि हम सच बोलते हैं घबराते नहीं हैं।’
सुधीर चौधरी के इस विश्लेषण पर ट्विटर यूजर्स की तरह तरह की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही हैं। हरजिंदर सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है,’किसानों के आंदोलन को कभी पाकिस्तान, कभी खालिस्तान कभी अर्बन नक्सल कहने वाले सुधीर चौधरी जी आपके झूठ का कोई मुकाबला नहीं कर सकता,इसमें आप अव्वल नंबर पर ही रहेंगे।’ एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है,’सर! आपको क्या लगता है अगर आप शाहीन बाग की तरह किसानों से बात करने जाएं तो आपको वहाँ एंट्री मिलेगी क्या ?’
राष्ट्र विरोधी लोग @ZeeNews से घबराते क्यों हैं ? उनका हौसला टुकड़े टुकड़े क्यों हो जाता है ? pic.twitter.com/7R9ejQHlnn
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) December 2, 2020
अमन नाम के यूजर ने लिखा है,’जैसे कुछ लोग हिन्दुस्तान को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं, अगर आरएसएस ऐसी बात करे वो राष्ट्रवाद और सिखों का एक तबका अपनी बात करे तो अलगावाद,यही दोहरा मापदंड तो स्यापे की जड़ है।’ ललित पारीक नाम के युवक ने लिखा है,’वो किसानों के लिए चिंतित नहीं हैं, वो तो अपने राजनीतिक आकाओं के लिए चिंतित हैं।’
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है,’शाहीन बाग की शान 80 साल की बिल्कीस दादी को किसान आंदोलन में शामिल होने नहीं दिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। समझ रहे हो, ये मोदी-शाह कितने डरे हुए हैं।’