बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित के पति डॉक्टर श्रीराम नेने अपना खुद का एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं, जिसमें वो हेल्थ और लाइफस्टाइल के बारे में बातें साझा करते हैं। उनके कुछ वीडियो में माधुरी और उनके दो बेटे एरिन और रयान भी नजर आ चुके हैं। कुछ महीने पहले, उन्होंने अपने चैनल पर YouTuber रणवीर इलाहाबादिया को होस्ट किया था, जहां उन्होंने ड्रग्स और उनके प्रभावों पर चर्चा की थी। उन्होंने इसके मेडिकल और एन्जॉयमेंट दोनों के लिए इस्तेमाल किए जाने के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि भारत में भांग और उसके अलग-अलग प्रकार को लीगली बैन किया हुआ है, जबकि अमेरिका में इसे दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
सबसे पहले उन्होंने Ayahuasca के बारे में बात की, ये एक ऐसा ड्रग है जो साउथ अमेरिका में पाया जाता है। रणवीर ने उनसे इसे लेकर सवाल किया था। उन्होंने कहा कि भारत में मारिजुआना जैसी चीजों के लिए धारणा गलत है, क्योंकि तपस्वी सालों से इसका सेवन करते आ रहे हैं।
नेने ने आगे कहा, “यहां दिलचस्प बात ये है कि हमें लगता है कि हम दवा के बारे में बहुत कुछ जानते हैं, है ना? और हम सीख रहे हैं कि कुछ चीजें जो उन्हें हानिकारक लगती थीं, वे हानिकारक नहीं हैं। जैसे LSD को मूल रूप से सैनिकों पर इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया गया था, ताकि उन्हें वॉर मशीन बनाया जा सके। लेकिन अब जो हो रहा है वो ये है कि ये डिप्रेशन के लिए फायदेमंद हो सकता है, अन्य चीजों के लिए भी इसके फायदे हो सकते हैं। गांजा एक शेड्यूल 1 दवा हुआ करती थी; हम इसे अपने कैंसर रोगियों को प्रेस्क्राइब करते थे, क्योंकि ये वास्तव में कीमो के बाद उनकी भूख को बढ़ाने में मदद करती थी, और उनकी मतली में भी मदद करती थी। क्रोनिक थकान सिंड्रोम और अन्य चीजों वाले रोगियों में भी, हमने इसे दिया। अब, उन्होंने अमेरिका में जो किया है वो ये है कि उन्होंने इसे लीगल कर दिया है। उन्होंने इसे कंट्रोल किया है। मेरा डर है कि इसका इस्तेमाल करने वाले लोग परेशानी में पड़ सकते हैं, क्योंकि कुछ सर्वे के अनुसार, कुछ मामले में लोग शराब से भी ज्यादा भांग का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि लोग इससे इतना डर क्यों हैं? लेकिन उन्होंने ये स्पष्ट किया कि तो वो और रणवीर इस तरह की चीजों के सेवन का समर्थन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “मुझे इससे डर नहीं लगता, क्योंकि मैंने इसे अपने पेशेंट को अमेरिका में को प्रेस्क्राइब किया है। लेकिन NCB इस सब चीजों को खत्म करने की कोशिश में है।”
डॉक्टर नेने ने आगे कहा, “आप पंजाब में जाइए, सड़क के किनारे खरपतवार उगती है… इसका औषधीय इस्तेमाल हो सकता है, इसका सामाजिक इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन इसे बिना किसी रोक के, खुलेआम और बिना इसके बारे में समझे इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन साथ ही हम आलोचना भी नहीं कर रहे हैं। भारत में, थोड़ा पाखंड है, क्योंकि तपस्वियों ने इसका बहुत लंबे समय तक इस्तेमाल किया है। और मैं कहूंगा कि भांग या कैनबिस के साथ, ये इतनी बड़ी बात नहीं है। लेकिन जब आप अफीम या कोकीन की ओर बढ़ते हैं, तो इसकी लत बहुत ज्यादा होती है, और ये ऐसी चीज नहीं है जिस पर हम बहस भी कर सकें।”