कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा को अनुमति दे दी है। ऐसे में 25 जुलाई से शिव भक्त कावड़ यात्रा पर जा सकते हैं। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महारी को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों से पड़ोसी राज्य के साथ सहयोग करने और कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देशों को बनाए रखने का आदेश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दी गई इस अनुमति को लेकर अब पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने उनपर निशाना साधा है। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने सीएम योगी से कहा कि शिव भक्तों की जान से खिलवाड़ मत कीजिए।
सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर किया गया पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। अपने ट्वीट में पूर्व आईएएस ने लिखा, “मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि शिव भक्तों की जान के साथ खिलवाड़ मत कीजिए।”
सूर्य प्रताप सिंह ने इस बारे में बात करते हुए आगे लिखा, “न्यायालय के दिशा-निर्देशों को समझिए, यह कांवड़ यात्रा निकालने का सही समय नहीं है। प्रदेश द्वारा देखे गए मौत के तांडव को अभी दो महीने भी नहीं गुजरे हैं। आपकी मनमानी जानें ले सकती हैं।”
मैं @myogiadityanath जी से हाथ जोड़ कर निवेदन करता हूँ कि शिव भक्तों की जान के साथ खिलवाड़ मत करिए।
न्यायालय के दिशानिर्देशों को समझिए, यह कांवड़ यात्रा निकालने का समय नहीं है।
प्रदेश द्वारा देखे गए मौत के तांडव को अभी दो महीने भी नहीं गुजरे हैं।
आपकी मनमानी जानें ले सकती है।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) July 6, 2021
सूर्य प्रताप सिंह के इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर ने भी खूब कमेंट किये। एक यूजर ने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “वोट हेतु समस्त मानव जीवन को संकट में न डालिए। गंगाजी भले ही जीवनदायिनी व मोक्षदायिनी हैं, पर वे हजारों भक्तों के शव को अब और नहीं उठा सकतीं।”
अतुल नाम के एक यूजर ने सूर्य प्रताप सिंह के ट्वीट के जवाब में लिखा, “मध्य प्रदेश की सरकार गिराने के लिए पहली वेव, बंगाल चुनाव के लिए दूसरी वेव को न्यौता दिया। आपको क्या लगता है कि उत्तर प्रदेश के लिए तीसरी को बुलावा नहीं देंगे। चुनाव जीतना जरूरी है, जान तो आलू के भाव गंगा मैया में तैर रही है।”
बता दें कि सूर्य प्रताप सिंह ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “यूपी में तीसरी लहर की हवा और वैक्सीन की कमी के बीच 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा को मंजूरी मिल गई है। जब इस आपदा में चारधाम की यात्रा पर रोक लगाई गई है तो कांवड़ यात्रा को मंजूरी देकर सरकार क्या संदेश देना चाती है।“