हालीवुड के दिग्गज फिल्मकार मार्टिन स्कारसेसे की नई फिल्म किलर्स आफ द फ्लावर मून महाकाव्यात्मक अंदाज और सिनेमा की पश्चिमी शैली में महाशक्ति के रूप में अमेरिका के खूनी इतिहास को दोबारा देखने समझने की कोशिश है। राबी राबर्टसन का संगीत पटकथा की करूणा को बहुत ऊंचाई पर ले जाता है तो रोड्रिगो पिएत्रो की सिनेमैटोग्राफी दृश्यों को एपिक जैसा बनाती है।

एरिक रोथ के साथ फिल्म की पटकथा मार्टिन स्कारसेसे ने खुद लिखी है जो कई बार चकित करती है। लियोनार्दो डीकैप्रियो, राबर्ट डी नीरो और लिली ग्लैडस्टोन के जबरदस्त अभिनय से सजी यह फिल्म पश्चिमी अमेरिका के ओक्लाहोमा प्रांत के उन ओसेज इंडियन ट्राइव्स के सैकड़ों स्त्री पुरुषों के प्रति सिनेमाई श्रद्धांजलि है जिन्हें 1918-1931के दौरान पैसा, शक्ति और संसाधनों पर कब्जा करने के लिए मार डाला गया था।

ओसेज इंडियन जनजाति के इलाके में यह सारी लड़ाई तब शुरू होती है, जब अचानक बंजर पथरीली धरती पर तेल के भंडार का पता चलता है। एक रहस्यमय इंसान अर्नेस्ट (लियोनार्दो डीकैप्रियो) प्रथम विश्व युद्ध से लौटकर अपने चाचा विलियम हेल (राबर्ट डी नीरो) के यहां आता है। वह लालची, अति महत्त्वाकांक्षी, शराबी किस्म का है।

वह आसानी से अपने चाचा की अपराधिक साजिश का कमांडर बन जाता है। यहीं उसकी मुलाकात ओसेज इंडियन ट्राइव्स की सबसे आकर्षक महिला मौली बर्खर्ट से होती है। दोनो में प्रेम परवान चढ़ता है और वे शादी कर लेते हैं।

बाहर से आया दबंग व्यापारी माफिया की तरह तेल के सारे संसाधनों पर कब्जा करना चाहता है। अचानक इस ट्राइव्स के लोगों की हत्याएं होने लगती हैं। मौली चकित हैं और जब वह अपनी सगी बहन अन्ना की क्षत विक्षत लाश देखती है तो भीतर से टूट जाती है। साठ से भी अधिक लोगों की हत्या के बाद जांच के लिए ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन के एक काबिल अफसर टाम वाइट को भेजा जाता है।

पता चलता है कि मौली ने जिस एर्नेस्ट से प्यार किया, वही अपने शातिर चाचा के कहने पर उसे मधुमेह की दवा में धीमा जहर देकर मार रहा है। मुकदमा चलता है और सबको सजा होती है।

76वें कान फिल्म समारोह में ‘किलर्स आफ द फ्लावर मून’

मार्टिन स्कारसेसे ने पूरी ईमानदारी से इतिहास की विलक्षण कहानी कही है। उनके गोरे अभिनेताओं ने ओसेज इंडियन ट्राइव्स चरित्रों को बखूबी निभाया है। खुद लिली ग्लैडस्टोन पूरी फिल्म में अपने स्वभाव और शांत अभिव्यक्तियों से मन मोह लेती है। एर्नेस्ट हालांकि मौली के प्रति भावुक और अपनी तरह से ईमानदार दिखने की कोशिश करता है, पर अविश्वास, लालच और हिंसा की राजनीति सबकुछ नष्ट करती चलती है।

विलियम हेल की भूमिका में राबर्ट डि नीरो इतने वास्तविक लगते हैं कि विस्मय होता है। यह एक ऐसी फिल्म है जो हमें बताती है कि आज जो अमेरिका हमारे सामने है वह कैसे वहां के स्थानीय मूल लोगों की लाश पर बना है। अंतिम दृश्य में एक आर्केस्ट्रा के जरिए फिल्म के निष्कर्ष बताए गए हैं और हम मार्टिन स्कारसेसे को प्रकट होते हुए देखते हैं और वे बताते हैं कि मौली ने एर्नेस्ट से तलाक लेकर दूसरी शादी की ओर 1937 में वह मर गई।

एर्नेस्ट से मौली की आखिरी मुलाकात का दृश्य बहुत ही मार्मिक है जिसमें लिली ग्लैडस्टोन शांत है और पूछती है कि उसने उसे डायबिटीज की दवा में मिलाकर धीमा जहर का इंजेक्शन देने की बात उससे क्यों छुपाई? इसी दृश्य में लियोनार्दो डीकैप्रियो की अभिव्यक्ति देखने लायक है – लाचार, पछताता हुआ, बेचैन और गहरे अवसाद में नि:शब्द। मार्टिन स्कारसेसे ने चरित्र चित्रण में कमाल की सावधानी बरती है और एक एक चरित्र वास्तविक लगते हैं। उन्होंने अमेरिकी सत्ता के पीछे के हिंसा, शोषण और लूट के छुपे हुए इतिहास को आज के संदर्भ में देखने की कोशिश की है।