अनुराग कश्यप ने एक बार फिर इंडियन सिनेमा के हालातों पर निराशा जताई है। वो बीते कई महीनों से बॉलीवुड के कल्चर को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। अब उन्होंने पैन इंडिया फिल्म के बारे में बात की है और कहा है कि ‘बाहुबली’ फ्रेंचाइजी की ग्लोबल सक्सेस के बाद से एसएस राजामौली लगातार ब्लॉकबस्टर फिल्में दे रहे हैं।

अनुराग कश्यप ने कहा, “स्टूडेंट्स को एक्सेस दें, उन्हें फिल्मों का एक्सेस दें, बुक्स का एक्सेस दें। उन्हें खुद को खोजने दें क्योंकि हर किसी को एक अलग व्यक्तित्व होना चाहिए। सबसे बड़ा उदाहरण एक राजामौली का है, और फिर राजामौली के 10 चीप वर्जन, राजामौली के सभी 10 चीप वर्जन राजामौली नहीं हो सकते क्योंकि राजामौली एक ओरिजिनल इंसान हैं, है न? इसलिए हर कोई सोचता है कि वो काम कर रहा है इसलिए वे उसकी नकल करने की कोशिश करते हैं। लेकिन उसके विचार कहां से आ रहे हैं, वो जानता है। इसी तरह, एक ‘केजीएफ’ काम करता है, हर कोई वही काम करना शुरू कर देता है।”

बता दें कि एसएस राजामौली ने ‘बाहुबली’ के बादजूनियर एनटीआर और राम चरण स्टारर 2022 की ऐतिहासिक एक्शन ड्रामा ‘आरआरआर’ बनाई और इस फिल्म ने दुनियाभर में शानदार सफलता हासिल की। ​​’केजीएफ’ फ्रैंचाइज़ कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की पहली ऐसी फिल्म बन गई जो पैन इंडिया ब्लॉकबस्टर के रूप में उभरी। ना केवल साउथ बल्कि हिंदी बेल्ट में भी फिल्म बहुत पसंद की गई।

पैन इंडिया फिल्मों के बारे में बात करते हुए अनुराग ने कहा, “पैन-इंडिया कब नहीं बनी? मेरे लिए, पैन-इंडिया प्रतिबंध थी। मेरे लिए, पैन-इंडिया रजनीकांत की ‘फौलादी मुक्का’ थी। मेरे लिए, नागार्जुन की ‘शिव’ पैन-इंडिया थी। इसलिए पैन-इंडिया कोई नई चीज नहीं है। जब मैंने पैन-इंडिया फिल्में देखी थीं, तब मैं बच्चा था। ये एक फॉर्मूला है, और फॉर्मूला इसलिए काम करता है क्योंकि कोई भी अपनी जेब से पैसा नहीं लगाता है। वे कहीं और से पैसा लेते हैं। पैन-इंडिया के नाम पर, ब्लॉकबस्टर की तस्वीर बनाने के नाम पर, आप अपनी जीवनशैली के लिए किसी और का पैसा ले रहे हैं। आप वास्तव में कोई फिल्म नहीं बना रहे हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि सॉसेज मत बनाओ। सॉसेज एक दूसरे की तरह दिखते हैं। हर स्टूडेंट को दूसरे से अलग होना चाहिए। उन्हें अपनी खुद की विशेषता सामने लानी चाहिए।”

बता दें कि ‘प्रतिबन्ध’ रवि राजा पिनिसेट्टी द्वारा निर्देशित 1990 की हिंदी एक्शन फिल्म है, जिसमें चिरंजीवी और जूही चावला ने अभिनय किया है। ‘फौलादी मुक्का’ एसपी मुथुरमन की 1983 की एक्शन फिल्म पायम पुली का डब हिंदी वर्जन है। ‘शिवा’ 1990 की हिंदी एक्शन फिल्म है जो राम गोपाल वर्मा की 1989 की इसी नाम की तेलुगु फिल्म पर आधारित है।