Kailash Kher Birthday: कैलाश खेर (Kailash Kher) बॉलीवुड की वो शख्सियत, जिन्होंने अपनी आवाज के दम पर इंडस्ट्री में पहचान बनाई है। उन्होंने ‘फना’ में ‘चांद सिफारिश’ से ‘बाहुबली’ में ‘जय जयकारा’ तक से गायिकी का लोहा मनवाया है। उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई। एक सफल गायक बनने के पीछे उनकी कड़ी मेहनत है। उनके संघर्षों का सफर महज 14 साल की उम्र में ही शुरू हो गया था। जब वो घर से भाग गए थे। इस दौरान उन्होंने दर-दर के ठोकरें खाई थी। मुंबई तक का सफर उनका आसान नहीं था। चलिए जानते हैं उनके इसी स्ट्रगल के बारे में…

दरअसल, कैलाश खेर आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 7 जुलाई, 1973 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। उन्होंने अपना सफर उत्तर प्रदेश से शुरू किया और फिर उत्तराखंड और दिल्ली गए। दिल्ली में उनके सपनों को पंख मिल गए और उन्होंने ऐसी उड़ान भरी की एक के बाद एक लगातार कई सुपरहिट गाने दिए। आज वो जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचना आसान बात नहीं है। उन्होंने कई जतन किए। सिंगर महज 14 साल की उम्र में घर से भाग गए थे और सीधे ऋषिकेश के पहाड़ों में पहुंचे। जहां, उन्होंने अपना घर बना लिया था।

खुद की जान लेने की कोशिश की

कैलाश खेर ने सिंगिंग में करियर शुरू करने से पहले अपने एक फैमिली फ्रेंड के साथ हैंडिक्राफ्ट का बिजनेस किया था। इसके चलते वो काफी डिप्रैशन में चले गए थे और उन्होंने अपनी जिंदगी तक को खत्म करने का फैसला कर लिया था। इसलिए तो गंगा नदी तक में छलांग लगा ली थी। लेकिन किस्मत को तो उन्हें आसमान पर ले जाना था तो मौत मुकम्मल कैसे होती। उन्होंने महज 4 साल की उम्र में ही अपनै टैलेंट दिखाना शुरू कर दिया था। उनके पिता मेहर सिंह खेर एक भारतीय लोक गायक थे। वो कश्मीरी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

साधु ने दिखाई राह, दिल्ली में खाए धक्के

घर से भागने के बाद जब कैलाश उत्तराखंड के पहाड़ों में साधुओं के साथ आश्रम में रहने लगे थे। जब हर दिन गंगा घाट पर गंगा आरती की तैयारी होती तो वो अपनी बेहतरीन आवाज से वो गाना गुनगुनाते थे और साधु-संतों को अपनी आवाज से झुमाते थे। इसे देखकर एक दिन एक महंत ने अपने पास बुलाया और कहा कि ‘क्यों परेशान रहते हो? भोलेनाथ सब अच्छा करेंगे। तुम्हारी आवाज में जादू है।’ यहां से उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया। इस दौरान फिर वो दिल्ली चले आए और यहां उन्होंने खूब धक्के खाए। खर्च चलाने के लिए छोटे-मोटे काम कर लिया करते थे।

मुंबई में बनीं बात

कैलाश खेर दिल्ली के बाद मुंबई चले गए। जहां उनके सपनों को उड़ान मिल गई। यहां उन्होंने कई पॉपुलर ब्रांड के लिए जिंगल गाए। जबकि शुरुआती समय में उन्हें जिंगल का मतलब तक नहीं पता था। उनकी ये जिंगल्स मशहूर म्यूजिक कंपोजर विशाल- शेखर की जोड़ी तक पहुंची। विशाल-शेखर ‘वैसा भी होता है कभी कभी’ के लिए सिंगर खोज रहे थे। उसमें गाना ‘अल्लाह के बंदे’ गाना था, जिसकी तलाश कैलाश खेर पर आकर खत्म हुई। ये खूब पॉपुलर हुआ और सिंगर ने फिर कभी पलटकर नहीं देखा।