इंडियन सिनेमा के मशहूर गायक और म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान (AR Rahman) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनकी फैन फॉलोइंग दुनियाभर में हैं। उन्हें उनकी बेहतरीन गायिकी के लिए जाना जाता है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को ‘मां तुझे सलाम’, ‘रोजा’, ‘तू है’, ‘राधा कैसे ना जले’ और ‘कुन फाया कुन’ जैसे एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं। सिंगर ने 90 के दशक से म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए संगीत कंपोज किया और फिल्मों में भी गाने गाए, जो कि आज भी लोगों के जहन में हैं। आज वो एक सफल संगीतकार के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन, उनके लिए यहां तक का सफर तय करना आसान नहीं था। उन्होंने अपनी लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक समय ऐसा था जब उन्हें स्कूल के प्रिंसिपल ने सड़क पर भीख मांगने तक के लिए कह दिया था। चलिए बताते हैं इस किस्से के बारे में…
दरअसल, म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। वो 57 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 6 जनवरी, 1967 को चेन्नई में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही बेहद गरीबी के दिन देखे हैं। जब वो 9 साल के थे तो उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। उनके निधन के बाद घर की सारी जिम्मेदारियां उन पर ही आ गई थी। आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से उन्हें कम उम्र में ही अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी। एआर रहमान की कठिनाइयों से भरी जिंदगी में एक वक्त ये भी रहा था जब वो आत्महत्या के बारे में भी सोचने लगे थे। हालांकि, वो हालातों से लड़े और मजबूरी में शुरू किया म्यूजिकल सफर उन्हें कामयाबी की राह पर ले आया।
एआर रहमान के पिता आरके शेखर एक फिल्म स्कोर कंपोजर थे। जब रहमान 4 साल के थे तो उनके पिता ने उन्हें पियानो बजाना सिखा दिया था। ऐसे में पिता के गुजरने के बाद परिवार गरीबी से गुजर रहा था तो घर चलाने के लिए रहमान की मां उनके पिता के म्यूजिक इंस्ट्रुमेंट किराए पर देती थीं। अब रहमान को वो बजाने आता था तो उन्हें भी उसके साथ जाना पड़ता था। इंस्ट्रुमेंट बजाने के लिए संगीतकार को पहली कमाई के तौर पर 50 रुपए भी मिले थे।
स्कूल के प्रिंसिपल ने दी थी भीख मांगने की सलाह
परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, जिसकी वजह से एआर रहमान का ध्यान पढ़ाई से हटने लगा था। इसके वजह से उनकी उपस्थिति भी कम होने लगी थी। वो एग्जाम तक में फेल होने लगे थे। दैनिक भास्कर के अनुसार, 2012 में दिए एक इंटरव्यू में एआर रहमान ने इस किस्से के बारे में खुद बताया था और कहा था कि वो एग्जाम में फेल होने लगे थे, जिसके बाद स्कूल प्रिंसिपल ने उनकी मां को मिलने के लिए बुलाया था और शिकायत की। फिर जब रहमान की मां ने प्रिंसिपल को आर्थिक तंगी का हवाला दिया तो उसने रहमान की मां से उन्हें कभी भी स्कूल ना भेजने के लिए कहा था। साथ ही ये भी कहा था कि वो बेटे को ले जाकर सड़क पर भीख मांगें।
जब आत्महत्या के बारे में सोचने लगे थे एआर रहमान
एआर रहमान ने जैसे तैसे जिंदगी को जीया और वो करियर में आगे बढ़े। फिर जब वो 25 साल के हुए तो छोटे-मोटे काम करने लगे थे लेकिन, इस बीच वो अपनी जिंदगी से काफी निराश हो गए थे और इसकी वजह से वो बार-बार आत्महत्या के बारे में सोचने लगे थे। हालांकि, संगीत की तरफ लगाव बढ़ने की वजह से उन्होंने घर के आंगन में एक छोटा सा रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाया और फिर यहां से उनकी कामयाबी का सफर शुरू हो गया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कई डॉक्यूमेंट्री के लिए म्यूजिक कंपोज करके किए। उन्होंने कई एड और जिंगल्स भी बनाए। इसी बीच रहमान का बनाया हुआ जिंगल, जो कि उन्होंने टाइटन के लिए बनाया था। ये मणिरत्नम को काफी पसंद आया था। इसमें उनका काम उन्हें इतना पसंद आया कि फिल्ममेकर ने उन्हें ‘रोजा’ ऑफर कर दी। तमिल फिल्म रोजा से ए.आर. रहमान ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। यहां से उनकी किस्मत पलटी और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वहीं, बॉलीवुड में बतौर म्यूजिक कंपोजर के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘रंगीला’ थी, जिसने काफी पॉपुलैरिटी हासिल की।
एआर रहमान इसके पहले अपनी निजी जिंदगी को लेकर चर्चा में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने वाइफ सायरा बानो से अलग हुए हैं। दोनों की तलाक की खबरों के बाद संगीतकार का नाम उनकी बैंड सदस्य मोहिनी डे के साथ जुड़ा था, जिस पर एक्स वाइफ ने रिएक्शन दिया था और उनकी तारीफ करते हुए अच्छा इंसान बताया था। यहां पढ़िए पूरी खबर…