मशहूर फिल्म निर्माता हंसल मेहता इंडियन एक्सप्रेस की एक्सप्रेसो सीरीज के छठे एडिशन में बतौर गेस्ट आए थे। जहां उन्होंने अपने कई सालों के काम के अनुभव को साझा किया। हाल ही में मेहता ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को स्टैंड-अप सेट में कथित तौर पर गद्दार कहने पर चल रहे विवाद के बीच कॉमेडियन कुणाल कामरा का समर्थन किया था इस पर भी उन्होंने बात की और अपने बारे में भी बताया कि 25 साल पहले उनपर शिवसेना ने हमला कराया था, जिसके बाद वो पूरी तरह टूट गए थे।

हंसल मेहता ने बताया कि उन्हें भी शिवसेना से इसी तरह के अपमान का सामना करना पड़ा था। उन्होंने ये भी खुलासा किया कि सबसे सामने उनका अपमान किया गया था, जिसके बाद उन्हें शराब में सुकून मिलने लगा था। हंसल मेहता ने कहा, “अब ऐसी चीजों को PTSD (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर) जैसे नाम दिए जाने लगे है और इनके बारे में काफी जानकारी भी मिलने लगी है। लेकिन पहले जो दवा मुझे पता है वो थी शराब। मैं उस वक्त टूट गया था, सिर्फ मेरी फिल्म फेल नहीं हुई थी, बल्कि चार सप्ताह बाद, जब हम पैसों के घाटे से जूझ रहे थे, लोगों ने मेरे ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़ की। उन्होंने मेरे चेहरे पर कालिख पोत दी। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि मैं कल आकर माफी मांगूं क्योंकि वे एक बड़ा सार्वजनिक तमाशा बनाना चाहते थे।”

हंसल ने आगे कहा, “मुझे 10,000 लोगों के सामने माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन माफी मांगना मेरे लिए मुद्दा नहीं था। बाद में मुझे एहसास हुआ कि जो लोग आपके स्वाभिमान और स्वतंत्रता का हनन करते हैं, वे किसी खास विचारधारा या पार्टी से संबंधित नहीं होते। दुर्भाग्य से वे सत्ता के लालच में डूबे हुए हैं; और वे नामहीन, चेहराहीन कायर हैं। मुझे ये समझने में समय लगा कि मैं कायर नहीं था; मुझ पर कायरों ने हमला किया था। जिस पल मुझे एहसास हुआ, मैंने अपनी आवाज पा ली।”

हंसल मेहता ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन शो ‘खाना खजाना’ से की थी। उन्होंने करीब सात साल तक संजीव कपूर के कुकरी शो का निर्देशन किया। बाद में, उन्होंने बॉलीवुड फिल्में बनाना शुरू कर दिया। उनकी पहली फिल्म 2000 में आई थी। दिल पे मत ले यार नाम की इस फिल्म में मनोज बाजपेयी, तब्बू और सौरभ शुक्ला अहम भूमिका में थे।