हिंदी सिनेमा के लेजेंड्री एक्टर गुरु दत्त (Guru Dutt) भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं। मगर फिल्मों में उनकी संजिदा एक्टिंग के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। लोग उनके दमदार अभिनय की तारीफ करते भी नहीं थकते थे। उनका असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। वो केवल एक्टर ही नहीं थे बल्कि डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, कोरियोग्राफर और राइटर भी थे। उनके बारे में ये सारी बातें उनकी बर्थ एनीवर्सरी पर कर रहे हैं। उनका जन्म आज ही के दिन कर्नाटक में हुआ था। ऐसे में चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं कि दो बार दिल लगाने के बाद भी उनकी जिंदगी तन्हा रही थी। वो आखिरी घड़ी में भी अकेले थे।

गुरु दत्त का बचपन कोलकाता में बीता था। उन्होंने अपनी कला के दम पर इंडस्ट्री में राज किया। उन्हें हिंदी सिनेमा जगत की लाइफलाइन कहा जाने लदा था। एक्टिंग के साथ-साथ लेखन, डायरेक्शन और कोरियोग्राफी तक करते थे। मगर 39 की उम्र में ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। उन्हें उनकी जिंदगी में सबकुछ मिला मगर वो प्यार नहीं पा सके। पॉपुलर होने के बाद ही वो अपनी जिंदगी में तन्हा थे। यहां तक कि आखिरी घड़ी में भी एक्टर अकेले ही रहे थे। उनके पास कोई नहीं था। उन्हें दो बार प्यार हुआ था। मगर इन दोनों प्यार में से उनके पास कोई नहीं था।

इनसे की थी शादी

जानकारी के मुताबिक, गुरु दत्त को पहली बार प्यार उस दौर की पॉपुलर सिंगर गीता दत्त से हुआ था। उन दिनों गीता के यहां डायरेक्टर्स की लाइन लगी रहती थी। वो किसी पहचान की मोहताज नहीं थी। गुरु दत्त से उनकी पहली मुलाकात फिल्म ‘बाजी’ के दौरान हुई थी। उन्होंने इस फिल्म के लिए गाना गाया था। बताया जाता है कि इसके बाद वो गुरु दत्त के प्यार में पागल हो गई थीं। दोनों ने 3 साल तक एक-दूसरे को डेट किया था और फिर बाद में शादी कर ली थी। 1953 में की इस शादी से उनके तीन बच्चे हुए थे।

…फिर रिश्ते में आई दरार और तन्हा हो गई जिंदगी

गीता दत्त के साथ गुरु दत्त की जिंदगी अच्छी चल रही थी। फिर इनके बीच तकरार शुरू हुई। शादी के 4 साल बाद ही दोनों में झगड़े शुरू हो गए थे और इनका रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया। इसकी वजह को लेकर कहा जाता है कि इनकी शादीशुदा जिंदगी में किसी तीसरे ने दस्तक दे दी थी और ये कोई और नहीं बल्कि एक्ट्रेस वहीदा रहमान थीं। कहा जाता है कि गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच नजदीकियां आ गई थीं, जिसके वजह से गीता के साथ एक्टर के रिश्ते बिगड़ने लगे थे।

गुरु दत्त ने ही किया था वहीदा रहमान को लॉन्च

गौरतलब है कि उन दिनों एक्ट्रेस वहीदा रहमान को गुरु दत्त ने ही फिल्म ‘सीआईडी’ से लॉन्च किया था। दोनों ने साथ में कई फिल्मों में काम किया। इस दौरान इनके बीच नजदीकियां बढ़ गई थीं। हालांकि, दोनों कभी एक ना हो सके और गुरु दत्त की जिंदगी में तन्हाई की एंट्री हो गई थी। वहीं, जब गुरु दत्त और वहीदा की नजदीकियों की खबर गीता को लगी तो वो घर छोड़कर चली गई्ं। इसके साथ ही कहा जाता है कि एक्टर की जिद्द और प्यार में पॉजेसिव होने के चलते वहीदा रहमान भी उनसे दूर हो गईं।

तन्हाई में बीती आखिरी रात

गुरु दत्त आखिरी समय में काफी अकेले थे। 9 अक्टूबर 1964 की शाम एक्टर ने दोस्त अबरार के साथ बातचीत की थी। दोनों के बीच फिल्म को लेकर चर्चाएं हुई थीं। इसके बाद अबरार घर लौट आए और अगले दिन यानी कि 10 अक्टूबर की सुबह गुरु दत्त आधे पढ़े उपन्यास के साथ मृत पाए गए थे। उनकी लाश को दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया था। उनकी आखिरी फिल्म ‘बहारे फिर भी आएंगी’ थी, जिसे धर्मेंद्र ने पूरा किया था।