Gulzar Birthday: गीतकार गुलजार (Gulzar) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। गुलजार 18 अगस्त को अपना 86वां जन्मदिन मना रहे हैं। 18 अगस्त, 1934 को पंजाब के झेलम में जन्में गुलजार भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पॉपुलर हैं। कलम के जादूगर गुलजार कभी जिंदगी गुजर-बसर करने के लिए गैरेज में बतौर मैकेनिक भी काम कर चुके हैं।
गैराज में भी कविताएं लिखते थे गुलजार: बचपन से ही गीतकार गुलजार को शेरो- शायरी और कविताओं का काफी शौक था। तंगहाली के दिनों में गुलजार गैरेज में भी काम किया करते थे। गैरेज में काम के दौरान जब भी गुलजार को खाली समय मिलता तो वह कविताएं लिखा करते थे। गैरेज के पास ही एक बुक स्टोर भी था, जहां से गुलजार आठ आने में किराए पर किताबें पढ़ने को लाते थे।
कुछ इस तरह हुई फिल्मी करियर की शुरुआत: गुलजार ने अपने करियर की शुरुआत साल 1961 में बिमल रॉय के सहायक के रूप में की थी। एक बार निर्देशक बिमल रॉय की कार उसी गैराज के पास खराब हुई, जहां गुलजार काम किया करते थे। कार ठीक कराने के दौरान बिमल की नजर गुलजार की किताब पर पड़ी।
किताबों को देखकर बिमल को काफी हैरानी हुई और उन्होंने पूछा कि यहां किताबें कौन पढ़ता है, जिसके जवाब में गुलजार ने खुद का नाम लिया। जिसके बाद बिमल रॉय ने गुलजार को अपने घर का पता दिया और उन्हें अगले दिन मिलने आने को कहा। जब गुलजार बिमल से मिलने पहुंचे तो निर्देशक ने उनसे कहा कि अब कभी गैरेज में मत जाना।
बता दें कि गुलजार ने मेरे अपने, परिचय, अचानक, खूशबू, आंधी, किनारा, मीरा, अंगूर, इजाजत, लिबास, माचिस और हू तू तू जैसी कई फिल्मों का निर्देशन भी किया है। गुलजार फिल्म इंडस्ट्री को दिए अपने योगदान के चलते राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्हें ग्रैमी अवॉर्ड, साहित्य अकेदमी अवॉर्ड, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड भी मिला है। गुलजार के कुछ प्रसिद्ध गीत जिसे फैंस का काफी प्यार मिला वह इस प्रकार हैं- ‘आपकी आंखों में कुछ महके हुए से राज हैं…’, ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं…’, ‘छपाक से पहचान ले गया…।’